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सोमवती अमावस्या - पापों से मुक्ति का महापर्व :

सनातन धर्म में सभी अमावस्या तिथि का अधिक महत्व है,शास्त्रों में भाद्रपद मास की अमावस्या को

बहुत ही खास माना जाता है। भाद्रपद अमावस्या इस बार सोमवार के दिन है, इसलिए इसे सोमवती

अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। भाद्रपद सोमवती अमावस्या के दिन भगवद् गीता का पाठ

करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

भाद्रपद सोमवती अमावस्या के दिन पूजा-पाठ, मंत्र जाप, ध्यान करने से साधक को उत्तम फल की

प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-व्रत करने का विधान है। साथ ही

स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या पर पवित्र

नदी में या ब्रह्म पुष्कर सरोवर अथवा फिर घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान और दान करने

से साधक को पापों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन

किन चीजों का दान अथवा उपाय करना चाहिए।



सोमवती अमावस्या- शुभ मुहूर्त :

पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की सोमवती अमावस्या 2 सितंबर 2024 को है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त

सुबह 4 बजकर 29 मिनट से लेकर 5 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में स्नान करना शुभ

होगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस

मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा।


सोमवती अमावस्या दान व उपाय:

-ज्योतिष विज्ञान में इस दिन को लेकर कई नियम हैं, जिनका पालन आवश्यक है। इस दिन भगवान

शिव का महामृत्युंजय मंत्र जाप करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव के अभिषेक से विशेष लाभ

मिलता है। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन आगमन के मार्ग खुलते हैं।


-ज्योतिष विज्ञान के अनुसार इसी जातक की कुंडली में सूर्य व चन्द्र ग्रह की एक ही घर में युति होने

पर अमावस्या योग बनता है,जिसकी पूजा एवं निवारण किसी प्रबुद्ध ज्योतिषी से इस दिन विधि-

विधान से करवाने पर इस योग के कारण उत्पन्न समस्याएं दूर होती है |

-ज्योतिष विज्ञान के अनुसार सोमवती अमावस्या पर भूमि दान करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं।

-सोमवती अमावस्या तिथि के दिन काले तिल का दान करने से इंसान को जीवन में अद्भुत लाभ

मिलते हैं और कुंडली से बुरे ग्रहों का असर खत्म होता है। इसके अलावा जीवन में सुख-समृद्धि का

आगमन होता है।

-सोमवती अमावस्या पर मान्यता है कि चांदी का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही इंसान

को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

-सोमवती अमावस्या के दिन सुबह पितरों की पूजा करें और गाय, कौआ, कुत्ता, चिड़िया के लिए दाना

डालें और पानी का प्रबंध करें ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति

मिलती है।

-यदि आप जीवन में पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो सोमवती अमावस्या पर स्नान-ध्यान के बाद

दक्षिण दिशा में मुखकर काले तिल मिश्रित जल से अपने पितरों का तर्पण करके गलतियों के लिए

क्षमा याचना करें। इससे इंसान को सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।  

-दक्षिण दिशा पितरों की मानी गई है। ऐसे में सोमवती अमावस्या पर घर की दक्षिण दिशा में सरसों

के तेल का दीपक में थोड़े से काले तिल डालकर प्रज्वल्लित करके रख दें इससे शनि की पीड़ा शांत

होती है, तथा पितृ प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

-सनातन धर्म में पर्व और व्रत पर दान करने का अधिक महत्व है। सोमवती अमावस्या के दिन

श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों को कपड़ों का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते

हैं।


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