सोमवती अमावस्या 2024: विशेष महत्व, पूजा विधि, उपाय और दान :
- Bhavika Rajguru
- Dec 21, 2024
- 8 min read
सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह अमावस्या तिथि जब सोमवार के
दिन होती है, तब इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे पितरों
की पूजा और भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन
किए गए उपाय और अनुष्ठान से जीवन में सुख-समृद्धि, पितृदोष से मुक्ति, और ग्रह दोषों से राहत मिलती
है।

सोमवती अमावस्या 2024 की तिथि:
2024 में सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ेगी। यह दिन विशेष रूप से शुभ है क्योंकि इस दिन पवित्र
पौष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या है और सोमवार का दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि
30 दिसंबर को सुबह 04:01 बजे प्रारंभ होगी और 31 दिसंबर को सुबह 03:56 बजे समाप्त होगी।
इस दिन की विशेष पूजा और उपायों से कई तरह के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए
जा सकते हैं।
सोमवती अमावस्या का महत्व:
सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का पुण्य बहुत अधिक माना जाता
है। इस दिन विशेष रूप से पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना, उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत
लाभकारी माना जाता है।
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती
है और पितरों की कृपा मिलती है। इस दिन विशेष रूप से मरणोपरांत तर्पण, पिंडदान और जल दान से पितृ
दोष दूर होते हैं और जीवन में शांति आती है।
सोमवती अमावस्या 2024 पूजा विधि:
सोमवती अमावस्या पर पूजा विधि में निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए जाते हैं:
1. पवित्र स्नान: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से गंगा,
यमुन, सरस्वती, गोदावरी, कावेरी आदि नदियों में स्नान करके पापों से मुक्ति पाई जाती है।
2. भगवान शिव और विष्णु की पूजा: इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी
चाहिए। शिवलिंग पर बेल पत्र, दूध, दही, शहद, चंदन आदि चढ़ाकर पूजा करें। भगवान विष्णु को
शेषनाग पर बैठाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
3. पितरों को तर्पण: इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे
पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृदोष दूर होता है।
4. पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल के पेड़ को विशेष रूप से पूजने की परंपरा है। इस दिन पीपल के पेड़
के नीचे दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता
है, और यह दिन उनके साथ-साथ महादेव की पूजा के लिए भी उत्तम है।
5. गाय को आहार देना: इस दिन गाय को गुड़ और चावल का दान करना विशेष रूप से लाभकारी होता
है। इससे लक्ष्मी की कृपा और घर में समृद्धि का वास होता है।
सोमवती अमावस्या 2024 के उपाय (Somvati Amavasya 2024 Upay) :
सोमवती अमावस्या एक विशेष दिन है जो साल में दो या तीन बार आता है और यह खासतौर पर पितृदोष,
ग्रहदोष, और आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए जाना जाता है। इस दिन किए गए उपायों से न
केवल आपकी मानसिक शांति बढ़ सकती है, बल्कि यह जीवन में सुख-समृद्धि और आशीर्वाद लाने में भी
सहायक होते हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं जिन्हें आप सोमवती अमावस्या के दिन अपना सकते हैं:
1. सूर्य देव को अर्घ्य देना: कारोबार में सफलता
अमावस्या के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
अर्घ्य देते समय मंत्र जाप करें: ऊँ सूर्याय नम:।
इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और आपके कारोबार में सफलता मिलती है।
2. पीपल के वृक्ष की पूजा: सुख-समृद्धि, जीवन में खुशहाली
अगर आप सुख-समृद्धि में वृद्धि चाहते हैं तो पीपल के पेड़ की पूजा करें।
पीपल के नीचे दीपक जलाकर इस दिन सुख-शांति की कामना करें।
पीपल पूजा से जीवन में खुशहाली और रुके हुए कार्य पूरे होते हैं।
3. दीपक जलाना: आर्थिक स्थिति
सोमवती अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखी घी का दीपक जलाएं। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में समृद्धि आती है।
दीपक में केसर और लौंग डालने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
4. गौसेवा और गाय को रोटी खिलाना: घर में लक्ष्मी का वास
इस दिन गाय को गेहूं के आटे की रोटी पर गुड़ का टुकड़ा रखकर खिलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
गौसेवा से न केवल देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, बल्कि यह उपाय पितृदोष दूर करने के लिए भी लाभकारी है।
5. पितृदोष और ग्रह दोष निवारण के उपाय:
पितृदोष मुक्ति: सोमवती अमावस्या के दिन नदियों में स्नान के बाद काले तिल का दान करने से
पितृदोष समाप्त होता है।
राहु ग्रह शांति: राहु ग्रह की शांति के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल और लौंग से भरा
दीपक जलाना चाहिए।
शिव-पार्वती की पूजा: इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से पितृदोष और ग्रह दोष से
मुक्ति मिलती है।
6. पिंडदान और दान:
इस दिन पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
चावल और दूध का दान करने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और पितृ देव प्रसन्न होते हैं।
7. संतान सुख के लिए उपाय:
यदि संतान प्राप्ति की इच्छा हो तो सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को
दही और घी का भोग अर्पित करें। इससे संतान सुख प्राप्त होता है।
8. विवाह के बाधाओं को दूर करने के उपाय:
अगर विवाह में रुकावट आ रही हो तो इस दिन भगवान शिव को पंचामृत, शहद और मालपुआ
अर्पित करें।
यह उपाय विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
9. ग्रह दोष से मुक्ति:
मंगल दोष: अगर कुंडली में मंगल दोष है तो सोमवती अमावस्या पर मूंगा, मसूर या रक्त चंदन का
दान करें।
शनि दोष: शनि दोष से मुक्ति के लिए इस दिन तेल, लोहे की चीजें, छतरी आदि का दान करें।
चंद्र दोष: चंद्र दोष दूर करने के लिए चावल, कपूर, मोती, चांदी आदि का दान करें।
10. पितृ पूजा और दान:
ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान देने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में खुशहाली आती है।
इसके अलावा, काले तिल, जल, दही, शहद, गाय का दूध, गंगाजल, वस्त्र और अन्न का दान भी करें।
इससे पितृ दोष कम होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
11. साफ-सफाई और नकारात्मक ऊर्जा का निवारण:
घर की नकारात्मकता को दूर करने के लिए पानी में नमक मिलाकर पोछा लगाएं।
इस दिन घर में सफाई और अच्छे वातावरण का निर्माण करना चाहिए।
12. कर्ज मुक्ति के उपाय:
यदि कर्ज की समस्या हो तो सोमवती अमावस्या से लेकर पूर्णिमा तक चंद्रमा को अर्घ्य देने से कर्ज
में राहत मिलती है।
13. शिव कृपा के लिए भोग:
भगवान शिव को दूध, चीनी और सफेद वस्त्रों का दान करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और
जीवन में शांति व सफलता मिलती है।
इस दिन शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाने से घर में सुख-शांति का वास होता है।
सोमवती अमावस्या पर जाप करने वाले मंत्र :
सोमवती अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। इस दिन विशेष रूप से पितरों,
देवताओं और ग्रहों की पूजा का महत्व है। इस दिन मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक प्रभाव और आशीर्वाद
प्राप्त होते हैं। सोमवती अमावस्या पर विशेष रूप से निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जाता है:
1. कुल देवताओं के लिए मंत्र:
ॐ कुल देवताभ्यो नमः।
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के कुल देवता प्रसन्न होते हैं, और कुल के सभी पाप समाप्त होते हैं।
2. ग्राम देवताओं के लिए मंत्र:
ॐ देवता ग्रामभ्यो नमः।
इस मंत्र का जाप ग्राम देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, ताकि वे उस ग्राम और उसके
निवासियों की रक्षा करें।
3. ग्रह देवताओं के लिए मंत्र:
ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः।
ग्रहों की स्थिति और दोषों से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। यह ग्रहों के सकारात्मक
प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होता है।
4. लक्ष्मीपति देवताओं के लिए मंत्र:
ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः।
यह मंत्र विशेष रूप से लक्ष्मी के देवता, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जाप
किया जाता है। इससे घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है।
5. विघ्न विनाशक देवताओं के लिए मंत्र:
ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः।
इस मंत्र का जाप विघ्न और कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया जाता है, ताकि व्यक्ति का जीवन सरल
और सुखमय हो।
6. भगवान श्री विष्णु के लिए मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
यह मंत्र भगवान श्री विष्णु के प्रति समर्पण और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए जाप किया जाता है। इससे जीवन
में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
7. मुक्ति देने वाले सप्त स्थल मंत्र:
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवंतिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयः सप्तैता मोक्ष दायिका।
यह मंत्र सात मोक्षदायिनी स्थलों का उल्लेख करता है, जिनकी पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति
होती है।
8. नदी देवताओं के लिए मंत्र:
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नवादा सिन्धु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरु।।
इस मंत्र में प्रमुख नदियों का जिक्र किया गया है। यह मंत्र नदियों में स्नान और उनकी पूजा करने के
महत्व को दर्शाता है, और इससे शुद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
9. गायत्री मंत्र:
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
गाय के महत्व को बताते हुए यह मंत्र गाय के प्रति श्रद्धा और सम्मान को बढ़ाता है। गाय के साथ जुड़े
सभी सकारात्मक फल प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
10. पितृदेवता के लिए मंत्र:
ॐ पितृभ्य: नम:।
इस मंत्र का जाप पितरों की पूजा करने के लिए किया जाता है। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है और
पितर प्रसन्न होते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
सोमवती अमावस्या पर दान करने योग्य चीजें:
1. खाद्यान्न दान: इस दिन गेहूं, चावल, दाल आदि का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे
दैवीय कृपा मिलती है और गरीबों की मदद होती है।
2. वस्त्र दान: नए या हल्के इस्तेमाल किए हुए कपड़े दान करने से पुण्य मिलता है और वंचितों को
सम्मान मिलता है।
3. घी का दान: घी का दान करना एक पवित्र कार्य है, जो भगवान शिव और विष्णु की कृपा प्राप्त करने
के लिए बहुत लाभकारी है।
4. कंबल और गर्म कपड़े दान करें: ठंड के मौसम में कंबल और गर्म कपड़ों का दान करना अत्यंत
पुण्यकारी होता है।
5. पवित्र ग्रंथों का दान: इस दिन भगवद गीता या उपनिषदों जैसे पवित्र ग्रंथों का दान करना भी शुभ
माना जाता है।
6. नमक दान: नमक का दान भी एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे घर में समृद्धि आती है।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें?
1. करें:
o इस दिन पितरों का पिंडदान और तर्पण करें।
o भगवान शिव और विष्णु की पूजा करें।
o इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें।
o पीपल के पेड़ की पूजा करें और दीपक जलाएं।
o गायों को आहार दें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
2. न करें:
o इस दिन तामसिक भोजन से बचें।
o नए कपड़े, वाहन या घर न खरीदें।
o किसी के साथ विवाद या क्रोध न करें।
o इस दिन झूठ बोलने, लालच करने या छलने से बचें।
o तुलसी के पौधे को छूने से बचें।
सोमवती अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितृ दोष से मुक्ति, ग्रह दोषों को शांत करने, और जीवन में सुख-
समृद्धि लाने के लिए बहुत शुभ है। इस दिन किए गए उपायों और दान से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन
होते हैं। पूजा विधि और उपायों का पालन करके इस दिन को लाभकारी बना सकते हैं। इस दिन भगवान
शिव, भगवान विष्णु, और पितरों की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति का
वास होता है।
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