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सावन सोमवार पर पाए शनि देव की विशेष कृपा :-

हिंदू धर्म में हर महीना किसी विशेष देवता की उपासना के लिए समर्पित होता है। सावन का महीना देवों के देव भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को न्याय और मोक्ष का देवता माना गया है। वर्तमान में शनिदेव कुंभ राशि में हैं और 29 मार्च, 2025 तक इसी राशि में रहेंगे, जिसके बाद वे मीन राशि में प्रवेश करेंगे। भगवान शिव की पूजा से शनि की प्रतिकूलता और साढ़े साती का प्रभाव समाप्त हो सकता है। यदि आप शनि की प्रतिकूलता या साढ़े साती से पीड़ित हैं, तो +सावन सोमवार के दिन भगवान शिव का विशेष वस्तुओं से अभिषेक करें।

शनिदेव, जिन्हें कर्मफल का दाता माना जाता है, भगवान शिव के भक्त हैं और उनकी पूजा करते हैं। शिवजी ने उन्हें न्याय और कर्मों के अनुसार फल देने का अधिकार दिया है। जब भक्त श्रद्धापूर्वक शिवजी की पूजा करते हैं, तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कठिनाइयाँ दूर करते हैं। सावन के महीने में शिवलिंग पर जल, दूध, और बिल्वपत्र चढ़ाने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। शिवजी की कृपा से कुंडली में शनिदेव के अशुभ प्रभाव ,दशा, महादशा, और साढ़े साती के कुप्रभाव दूर हो जाते हैं।

1सावन के सोमवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। गंगाजल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें और 'महामृत्युंजय मंत्र' का जाप करें। इस मंत्र के जाप से भगवान शिव की कृपा और शनिदेव के प्रतिकूल प्रभावों से मुक्ति मिलती है। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, और आंकड़े के फूल चढ़ाएं। इस दिन उपवास रखने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है।


2.सावन के महीने में शनि साढ़े साती से मुक्ति के लिए विशेष पूजा का महत्व होता है। प्रतिदिन स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। " नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए शिवजी की कृपा प्राप्त करें। पूजा के अंत में शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, और आंकड़े के फूल चढ़ाएं और साढ़े साती के दुष्प्रभावों से मुक्ति की प्रार्थना करें। धार्मिक और संयमित जीवन जीने से भगवान शिव और शनिदेव की कृपा मिलती है।


3.शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और मन, वचन, एवं कर्म से पवित्र रहें। गंगाजल में साबुत उड़द मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें और ' नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, और आंकड़े के फूल चढ़ाएं। अंत में, भगवान शिव से साढ़े साती और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति की प्रार्थना करें। संयमित जीवन जीने और गरीबों की सहायता करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।


4.सावन मास में धन लाभ और आर्थिक तंगी से मुक्ति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। प्रतिदिन सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान ' नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। गन्ने का रस अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा से आर्थिक समृद्धि मिलती है और धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। पूजा के अंत में भगवान शिव से आर्थिक कठिनाइयों से मुक्ति की प्रार्थना करें। साथ ही, दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों में शामिल होकर जीवन में सकारात्मकता और शुद्धता बनाए रखें।


5.सावन के सोमवार को संकटमोचन हनुमान जी और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की विशेष पूजा का महत्व है। इस दिन शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और ' नमः शिवाय' मंत्र के साथ शिवलिंग पर शहद अर्पित करें। इससे मानसिक शांति मिलती है और शनिदेव की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, विशेषकर शनि की साढ़े साती के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। अंत में, भगवान शिव और हनुमान जी से कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें। यह उपाय जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति लाने में सहायक होता है।


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 ( RAJGURUASTROSCIENCE )

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