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वैशाख माह के महत्वपूर्ण त्यौहार और शुभ दिन :

1. 24 अप्रैल – वरुथिनी एकादशी

2. 25 अप्रैल – प्रदोष

3. 29 अप्रैल – परशुराम जयंती

4. 30 अप्रैल – अक्षय तृतीया

5. 2 मई – आदि शंकराचार्य जयंती

6. 3 मई – गंगा पूजा और गंगा सप्तमी

7. 5 मई – सीता नवमी

8. 8 मई – मोहिनी एकादशी

9. 9 मई – प्रदोष

10. 11 मई – नरसिंह जयंती

11. 12 मई – कूर्म जयंती


वैशाख अमावस्या (27 अप्रैल) :

वैशाख अमावस्या पर सत्तू का दान करने की परंपरा है। दक्षिण भारत में इस दिन शनिदेव की पूजा होती है,

इसलिए शनिदेव की विशेष पूजा विधिपूर्वक करने से लाभ मिलता है।


वैशाख पूर्णिमा (12 मई) :

वैशाख पूर्णिमा का महत्व अत्यधिक है। इस दिन गंगा स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा विशेष

फलदायी मानी जाती है। इस दिन सत्य नारायण पूजा करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है, साथ

ही पापों से मुक्ति मिलती है। धर्मराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और यह दिन

सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने वाला होता है।


वैशाख माह में दान :

वैशाख माह में किए गए दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। इस माह में

निम्नलिखित वस्तुओं का दान करने से विशेष लाभ मिलता है:

  • जल

  • पंखा

  • फल

  • अनाज


वैशाख माह में बचने योग्य चीजें

1. तेल से मालिश करना

2. दिन में सोना

3. तांबे के बर्तन में भोजन करना

4. तांबे धातु का उपयोग करना

5. रात में भारी पके हुए भोजन का सेवन करना

6. दिन में दो बार पका हुआ भोजन करना

इसके अतिरिक्त, इस माह में लहसुन-प्याज का सेवन, तली-भुनी चीजें खाना और शराब का सेवन नहीं करना

चाहिए।


पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार वैशाख माह का समय भगवान श्री कृष्ण के

साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा और व्रत रखने का सर्वोत्तम समय है। इस महीने में किए गए

धार्मिक अनुष्ठान, दान, व्रत और मंत्र जाप से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि जीवन में शांति,

समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। तो इस पवित्र माह में धर्म और भक्ति के मार्ग पर

चलें और पुण्य अर्जित करें।

 
 
 

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