लाल-किताब ज्योतिष:-कुंडली से जानिए संतान प्राप्ति की संभावना और उपाय :
- Bhavika Rajguru
- Jan 31
- 4 min read
संतान प्राप्ति एक बहुत महत्वपूर्ण जीवन घटना होती है, और यह किसी भी दंपत्ति के लिए आशीर्वाद का
प्रतीक है। कई लोग अपनी जन्म कुंडली के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या उनके पास
संतान होगा या नहीं। ज्योतिष में यह माना जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति
प्रजनन क्षमता और संतान होने की संभावना को प्रभावित कर सकती है। इस ब्लॉग में हम देखेंगे कि
कुंडली में कौन से ग्रह संतान प्राप्ति से जुड़े होते हैं और इसके लिए कौन से प्रभावी उपाय किए जा सकते
हैं।

1. बृहस्पति और शुक्र का प्रभाव :
ज्योतिष में बृहस्पति और शुक्र ग्रह को संतान प्राप्ति से जुड़ा हुआ माना जाता है।
बृहस्पति: इसे वृहस्पति ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। यह वृद्धि, आशीर्वाद और प्रजनन से जुड़ा
हुआ ग्रह है। बृहस्पति की स्थिति कुंडली में संतान प्राप्ति की संभावना का संकेत देती है। यदि
बृहस्पति पंचम भाव (संतान भाव) में स्थित हो या उसे शुभ ग्रहों का अच्छा दृष्टि मिलती हो, तो
संतान प्राप्ति में कोई खास समस्या नहीं होती।
शुक्र: यह ग्रह प्रेम, विवाह और प्रजनन क्षमता से जुड़ा हुआ है। शुक्र की स्थिति संतान की प्राप्ति,
बच्चे को पालने की क्षमता और मां के मातृत्व वृत्ति को भी प्रभावित करती है। यदि शुक्र कुंडली में
मजबूत हो, तो संतान सुख की संभावना बढ़ जाती है।
2. पंचम भाव का महत्व :
कुंडली का पंचम भाव संतान, रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति से जुड़ा हुआ होता है। इस भाव का ग्रहों
से सम्बंध यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति के लिए संतान प्राप्ति कितनी आसान या कठिन हो सकती है।
मजबूत पंचम भाव: अगर पंचम भाव में शुभ ग्रह जैसे बृहस्पति या शुक्र स्थित हो या उन पर शुभ
दृष्टि हो, तो यह संतान प्राप्ति के लिए अच्छा संकेत है।
कमजोर पंचम भाव: यदि पंचम भाव पर शनि या राहु जैसे पाप ग्रहों का प्रभाव हो, तो यह संतान
प्राप्ति में देरी, कठिनाई या अवरोध उत्पन्न कर सकता है। इस स्थिति में विशेष उपाय किए जाने
की आवश्यकता होती है।
3. संतान प्राप्ति के लिए लाल किताब के उपाय :
लाल किताब में संतान प्राप्ति के लिए कई खास उपाय बताए गए हैं जो संतान सुख प्राप्ति में मददगार हो
सकते हैं:
1. सोने का तार उपाय: यदि संतान प्राप्ति में कोई बाधा आ रही हो, तो शुद्ध सोने का तार लें और उसे
अग्नि में डालकर दूध में डालें और इसे पिये। यह उपाय लगातार 40 दिनों तक करें। इससे शुक्र की
स्थिति मजबूत होती है और संतान सुख प्राप्ति की संभावना बढ़ती है।
2. लाल धागा बांधना: जब घर में कोई महिला गर्भवती हो, तो गर्भधारण के बाद उसकी कलाई पर दुर्गा
मंत्र का जाप करते हुए लाल धागा बांधना चाहिए। प्रसव के बाद यह धागा नवजात की कलाई पर
बांध दें और एक धागा माता की कलाई पर भी बांधें। यह उपाय संतान प्राप्ति और बच्चों के अच्छे
स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है।
3. दो बर्तन उपाय: एक बर्तन को दूध से भरें और दूसरे को चीनी से। गर्भवती महिला प्रसव से पहले
इन दोनों बर्तनों को छूकर, बाद में इन्हें मंदिर में दान कर दे। इससे प्रसव के समय कष्ट नहीं होते।
4. मिठा भोजन वितरण: जिन दंपत्तियों की संतान जीवित नहीं रहती, उन्हें अपनी संतान के जन्म दिवस
पर मीठे के स्थान पर नमकीन भोजन बांटना चाहिए। यह उपाय संतान प्राप्ति में मददगार माना
जाता है।
5. तंदूरी रोटी का दान: तंदूर में बनी मीठी रोटी को कुत्तों, कौवों और पक्षियों को खिलाने से संतान सुख
मिलता है।
6. गणेश पूजन: संतान सुख के लिए गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। यह उपाय बहुत
प्रभावी होता है।
7. कुत्ता पालने का उपाय: जो दंपत्ति संतान सुख प्राप्त करने के लिए परेशान हैं, वे एक नर कुत्ता पाल
सकते हैं, विशेष रूप से एक ऐसा कुत्ता जो अकेला पैदा हुआ हो। यह उपाय संतान सुख प्राप्ति के
लिए शुभ माना जाता है।
4. संतान प्राप्ति के लिए वैदिक उपाय :
वैदिक ज्योतिष के अनुसार संतान सुख प्राप्ति के लिए निम्नलिखित उपाय भी किए जा सकते हैं:
1. पूजा और मंत्र जाप: संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव, भगवान गणेश और संतान गोपाल मंत्र की
पूजा करनी चाहिए। साथ ही, गायत्री मंत्र और गर्भ-रक्षा स्तोत्र का जाप भी किया जा सकता है।
2. रत्न धारण करें: बृहस्पति की स्थिति को सुधारने के लिए पीला पुखराज रत्न धारण करें, और संतान
सुख के लिए मूंगा रत्न पहन सकते हैं।
3. ज्योतिषी से परामर्श: एक अच्छे ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना मददगार हो सकता
है। वे किसी भी दोष या ग्रहों की स्थिति का समाधान बता सकते हैं, जो संतान प्राप्ति में समस्या
उत्पन्न कर रहे हों।
5. अन्य महत्वपूर्ण टिप्स :
हीरा न पहनें: यदि आप संतान की कामना कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि बिना ज्योतिषीय सलाह के
हीरा रत्न पहनना हानिकारक हो सकता है।
गाय और बछड़े की सेवा: जो महिलाएं गर्भधारण करने में समस्या महसूस कर रही हैं, वे गाय और
उसके बछड़े की सेवा करें। इससे सूर्य और मंगल की स्थिति मजबूत होती है और संतान की प्राप्ति
में सहायता मिलती है।
कुंडली में ग्रहों की स्थिति से संतान प्राप्ति की संभावना का आकलन किया जा सकता है, लेकिन इसमें
व्यक्तिगत स्वास्थ्य, जीवनशैली और अनुवांशिकी जैसे अन्य कारकों का भी प्रभाव होता है। यदि आपकी
कुंडली में संतान प्राप्ति में कोई समस्या हो, तो ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप इस बाधा को दूर
कर सकते हैं। ज्योतिष और आयुर्वेद दोनों के संयोजन से संतान सुख की प्राप्ति संभव हो सकती है।
यदि आप भी अपनी कुंडली से सन्तान सुख के बारें में जानना चाहते है तो हमारी
वेब-साईट www.rajguruastroscience.com या फ़ोन नं.-9256699947 के द्वारा संपर्क कर सकते है |
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