लाल किताब के अनुसार वैवाहिक गुणों के मिलान की विधि:-
- Bhavika Rajguru
- Sep 5, 2024
- 3 min read
कुंडली मिलान में अक्सर गुण मिलान को प्रमुखता दी जाती है, लेकिन ग्रहों और महत्वपूर्ण भावों की
स्थिति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। कुल 36 गुण होते हैं और 18 से अधिक गुण मिलन पर विवाह की
स्वीकृति दी जाती है। इसके अलावा, एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए अन्य भावों में शुभ-अशुभ ग्रहों
का प्रभाव भी ध्यान में रखना जरूरी है। यदि लग्न कुंडली में मिलान सही नहीं होता, लेकिन नवमांश
कुंडली सही है, तो भी विवाह की स्वीकृति मिल सकती है। आज हम विवाह के लिए कुंडली और गुण
मिलान का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
जन्म नक्षत्र एवं राशि के अनुसार गुण मिलान के अंतर्गत कुल 36 गुण होते हैं, और इसके आधार पर
मिलान प्रतिशत का मूल्यांकन किया जाता है:-
18 से ऊपर गुण मिलान होने पर विवाह के लिए स्वीकृति दी जाती है।
30% से अधिक मिलान अधिक शुभ माना जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू :
1. ग्रहों की स्थिति और सातवाँ भाव:
o सातवाँ भाव (Marriage House) का स्वामी और इस भाव में स्थित ग्रहों की स्थिति
महत्वपूर्ण होती है।
o लड़के की कुंडली में: पत्नी के कारक ग्रह शुक्र और सातवें भाव के स्वामी की स्थिति
ठीक होनी चाहिए।
o लड़की की कुंडली में: पति के कारक ग्रह बृहस्पति और सातवें भाव के स्वामी की स्थिति
ठीक होनी चाहिए।
o सातवें भाव में कोई अस्त ग्रह, अशुभ ग्रह या पाप ग्रह योग नहीं होना चाहिए।
2. बारहवाँ भाव और इसके स्वामी:
o बारहवाँ भाव शैय्या सुख से संबंधित होता है, और इसका ठीक होना वैवाहिक सुख के
लिए आवश्यक है।
o इस भाव में पाप ग्रह या अशुभ योग से मुक्त होना चाहिए।
3. दूसरा भाव और भावेश:
o दूसरा भाव जीवन साथी की आयु से संबंधित है। इसका शुभ और बलवान होना
दीर्घकालिक वैवाहिक सुख के लिए आवश्यक है।
o यह भाव परिवार की वृद्धि से भी संबंधित है।
4. पाँचवा भाव और भावेश:
o पाँचवा भाव संतान के कारक के रूप में काम करता है और पति-पत्नी के रिश्ते को
मजबूत करने में सहायक होता है।
o इसका शुभ और बलवान होना परिवार की वृद्धि और वैवाहिक जीवन के सुखद होने
के लिए जरूरी है।
5. चौथा भाव और भावेश:
o चौथा भाव जीवन में प्राप्त होने वाले सुखों से संबंधित होता है। इसका अनुकूल होना
गृहस्थ जीवन की सुख-शांति के लिए महत्वपूर्ण है।
वैवाहिक सुख के लिये कुंडली एवं गुण मिलान हेतु www.rajguruastroscience.com
या फ़ोन नंबर 9256699947 पर संपर्क करें |
नवमांश कुंडली
यदि लग्न कुंडली आपस में पूरी तरह मेल नहीं खाती है, लेकिन नवमांश कुंडली सही मेल खाती
है, तो भी विवाह की स्वीकृति हो सकती है।
नवमांश कुंडली का विश्लेषण भी आवश्यक है क्योंकि यह भविष्य की वैवाहिक स्थिति को
स्पष्ट कर सकती है।
कुंडली मिलान में गुणों के अलावा ग्रहों की स्थिति, भावों की स्थिति, और नवमांश कुंडली का विश्लेषण
भी आवश्यक है। गुण मिलान एक महत्वपूर्ण आधार है, लेकिन संपूर्ण मिलान के लिए ग्रहों की स्थिति
और भावों का भी पूरा ध्यान रखना आवश्यक है। इस तरह से कुंडली का सही मिलान सुनिश्चित
होता है और वैवाहिक जीवन के सुखद होने की संभावनाएँ अधिक होती हैं।
यदि आप अपने जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं और समाधान चाहते हैं, तो हमारे
संस्थान के अनुभवी ज्योतिषी या वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट
www.rajguruastroscience.com पर जाएं या हमें फोन नंबर 9256699947 पर संपर्क करें।
महादेव सदैव आपकी रक्षा करे |
コメント