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लाल किताब के अनुसार शनि ग्रह और मकान सुख का संबंध :

लालकिताब ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन में बनने वाले मकान

का उसकी जन्म-कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति का सबसे अधिक एवं महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है |

अतः किसी भी व्यक्ति को अपने आवास/मकान के निर्माण से पूर्व किसी प्रबुद्ध ज्योतिषी से अपनी

जन्म-कुंडली में शनि की शुभ/अशुभ स्थिति का विश्लेषण करवाकर निर्माण आरम्भ करना चाहिये,

जिससे ग्रह-स्वामी उस आवास/मकान का सुख अपने जीवनकाल में भोग सकें |

जन्म-कुंडली से शनि की स्थिति का मकान की नींव डालने के दिन से 3 या 18 वर्ष की अवधि में

अपना शुभ/अशुभ प्रभाव अवश्य देगा|

जन्म-कुंडली के प्रत्येक घर/खाना नं.में बैठे शनि का व्यक्ति के मकान पर प्रभाव-


1-प्रथम भाव में शनि -

जन्म-कुंडली के प्रथम भाव में शनि की अशुभावस्था होने पर यदि व्यक्ति 48 वर्ष की उम्र से पहले

मकान का निर्माण करता है तो वह रूपये पैसे अर्थात धन की बर्बादी के साथ-साथ कई बार व्यक्ति

दाने-दाने को तरस जाता है | लेकिन यदि शनि शुभ अवस्था में बैठा हो और साथ ही जन्म-कुंडली का

7वाँ घर खाली हो तो स्थिती उत्तम होगी |

2-द्वितीय भाव में शनि -

जन्म-कुंडली के दुसरे भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो मकान जैसा बने

बनने दे ,मकान का शुभ फल ही मिलेगा |

3-तृतीय भाव में शनि –

जन्म-कुंडली के तीसरे भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो केतु की पालना करने

अर्थात 3 कुत्ते (कुत्ता,भांजा,दोहिता,दामाद) पालने के बाद ही मकान का निर्माण करे अन्यथा गरीबी का

सामना करना पड़ेगा |

4-चतुर्थ भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के चौथे भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो व्यक्ति यदि मकान

का निर्माण शुरू करता है तो नींव का कार्य शुरू करते ही स्वयं का परिवार,ननिहाल और ससुराल

परिवार बर्बाद होना शुरू हो जायेंगे |

5-पंचम भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के पांचवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो स्वयं की कमाई से

व्यक्ति 48 वर्ष की उम्र से पहले मक़ान का निर्माण करने से उसकी संतान को कष्ट प्राप्त होंगे,मृत्यु

भी संभव है, परन्तु ऐसे व्यक्ति की संतान यदि मकान बनवाती है तो उत्तम रहेगा | यदि स्वयं की

कमाई से मकान बनाना जरुरी हो तो पहले शनि की शानदार चीज पूरा काला भैंसा खरीदकर उसे

जंगल में ले जाकर छोड़ें फिर निर्माण शुरू करे तो संतान पर अशुभ प्रभाव नहीं होगा |

6-षष्टम भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के छठें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो जीवन में शनि की

उम्र समय 36 से 39 वर्ष में मकान का निर्माण करने से उसकी पुत्री के ससुराल वालें बर्बाद हो

जायेंगें |

7-सप्तम भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के सातवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो नए बने मकान

बहुत मिलेंगें परन्तु यदि किसी अशुभता के कारण यदि मकान बिकनें लगें तो अपने सबसे पुराने

पुश्तैनी मकान की दहलीज को कायम करके उसे रोज पानी से धोकर साफ़ करने से सब कुछ वापिस

मिल जायेंगा |

8-अष्टम भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के आठवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो स्वयं की कमाई से

व्यक्ति 48 वर्ष की उम्र से पहले मक़ान का निर्माण करने से उसके घर में अचानक एवं अकारण से

मौतें होना शुरू हो जाएगी और शनि अब कुंडली में राहू व केतु की शुभ या अशुभ अवस्था के अनुसार

अपना फल देंगा |

9-नवम भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के नवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो उसकी पत्नी के

गर्भवती रहते स्वयं की कमाई से व्यक्ति 48 वर्ष की उम्र से पहले मक़ान का निर्माण करने से उसके

पिता का हाल ख़राब कर देंगा ,हो सकता है उनकी मृत्यु भी हो जाये,साथ ही यदि उसने तीन (3)की

संख्या में रहने के मकान खरीद या बना लिए तो स्वयं उसके जीवन का भी कोई भरोसा नहीं होगा |

10-दशम भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के दशवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो जब तक वो मकान

नहीं बनाता है शनि उसे इतना पैसा/आमदनी देगा की वो कई मकान बना सकें परन्तु जिस दिन भी

उसने मकान का निर्माण शुरू कर दिया उस दिन से उसका पैसा/आमदनी बर्बाद होना शुरू हो जायेंगे

और वो पैसें/आमदनी के लिए तरसेगा |

11-एकादश भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के ग्यारवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो सामान्यतः उसका

मकान 55 वर्ष की आयु के बाद ही बनने का योग होता है,परन्तु ऐसे व्यक्ति यदि दक्षिण मुखी

मकान में रहते है तो उनका अधिकांश लम्बा समय बिमारी में लेटें-लेटें ही बीतता है |

12-द्वादश भाव में शनि-

जन्म-कुंडली के बारहवें भाव में शनि चाहे शुभ या अशुभ किसी भी अवस्था में हो तो ऐसे व्यक्तियों

का मकान अपने आप कैसे भी बनता या मिलता जाता है अतः बनते मकान को जैसे भी हो बनने दे,

उसे बीच में अधुरा नहीं छोड़े तो शुभ होगा |


इस प्रकार से अपनी जन्म-कुंडली में प्रत्येक घर/भाव में शनि की शुभ/अशुभ स्थिति के

अनुसार विश्लेषण करवाकर अपने आवास/मकान का निर्माण करने से सुखद जीवन की कल्पना को

साकार किया जा सकता है |

महादेव सदैव आपकी रक्षा करे |


यदि किसी भी प्रकार की कोई समस्या/परेशानी आपके जीवन में चल रही है तो हमारे संस्थान के प्रबुद्ध ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण अवश्य करवाये , हमारे संस्थान की email id - rajguruastroscience@gmail.com /फ़ोन नंबर-9256699947 पर संपर्क कर सकते है| 


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