मोक्षदा एकादशी का व्रत कैसे करें: जानें पूजा से जुड़े सभी नियम :
- Bhavika Rajguru
- Dec 9, 2024
- 6 min read
हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी
तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है। यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि
यह पितरों की मुक्ति, मोक्ष प्राप्ति, और जीवन के तमाम संकटों से मुक्ति पाने का एक विशेष अवसर भी
है। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इसी कारण इसे
गीता जयंती भी कहा जाता है।
आइए, इस लेख में जानते हैं मोक्षदा एकादशी का महत्व, व्रत का सही तरीका, पूजा विधि, और इस दिन से
जुड़े सभी धार्मिक पहलुओं के बारे में।

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती शुभ मुहूर्त (11 दिसंबर 2024) :
पंचांग के अनुसार:
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस वर्ष 11 दिसंबर 2024 को रात्रि के ब्रह्म मुहूर्त में 03:42
बजे से प्रारंभ होगी और 12 दिसंबर के आरम्भ में रात 01:09 बजे तक समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया
तिथि का महत्व होता है, अर्थात जिस दिन तिथि का सूर्योदय होता है, उसी दिन उसे मनाना सबसे अधिक
शुभ माना जाता है। इसलिए इस वर्ष मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 11 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।
विशेष योग :
इस वर्ष मोक्षदा एकादशी के दिन वरीयान योग, रवि योग और भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इन
योगों में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी संकटों से मुक्ति
मिलती है।
मोक्षदा एकादशी का महत्व :
1. मोक्ष की प्राप्ति:
मोक्षदा एकादशी को विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति के दिन के रूप में माना जाता है। इस दिन भगवान श्री
कृष्ण के दर्शन और पूजा करने से जीवन के सारे दुखों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा
जाता है कि इस दिन व्रत करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन के सभी संकट समाप्त
हो जाते हैं।
2. गीता जयंती:
मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक ही दिन पड़ती हैं। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को
श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। गीता का पाठ और श्रवण इस दिन विशेष फलदायक माना जाता है।
3. पितरों की मुक्ति:
इस दिन पितरों की मुक्ति के लिए भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। मोक्षदा एकादशी के दिन पितरों के
लिए श्राद्ध करने से उन्हें नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और उनका उद्धार होता है।
4. समृद्धि और संतति का आशीर्वाद:
इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और श्री कृष्ण के दामोदर रूप की पूजा करने से संतान सुख, धन-
संपत्ति, और विवाह संबंधी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि :
मोक्षदा एकादशी के व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि अपनानी चाहिए:
1. व्रत की तैयारी (द्वादशी तिथि):
मोक्षदा एकादशी का व्रत करने वाले लोग द्वादशी तिथि के दिन सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण कर लें। इस
दिन सात्विक आहार लेना चाहिए और मांसाहार, मदिरा आदि से परहेज करना चाहिए।
2. मोक्षदा एकादशी के दिन पूजा का प्रारंभ:
एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर गंगाजल से स्नान करें। घर में यदि गंगा जल उपलब्ध न हो तो स्वच्छ
पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। फिर स्वच्छ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें।
3. मंदिर में पूजा:
घर के मंदिर में जाकर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और श्री कृष्ण के दामोदर स्वरूप का पूजन करें। पूजा
में गंध, पुष्प, धूप, दीप आदि का प्रयोग करें।
4. गीता पाठ और मंत्र जाप:
पूजन के बाद गीता का पाठ करें। यदि पूरी गीता का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो गीता के कुछ प्रमुख
अध्यायों का पाठ करें। साथ ही ओम वासुदेवाय नम: या श्री दामोदराय नम: इन मंत्रों का जाप करें।
5. भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें:
भगवान श्री कृष्ण को माखन, मिश्री और अन्य पकवानों का भोग अर्पित करें। साथ ही भगवान को पीले फल
और फूल अर्पित करें। ध्यान रखें कि भगवान विष्णु को अक्षत (चावल) नहीं चढ़ाया जाता है, बल्कि उन्हें
जल या पंचामृत से अभिषेक करें।
6. तिल, तुलसी और गंगाजल:
भगवान श्री कृष्ण और भगवान विष्णु को काले तिल, तुलसी दल आदि अर्पित करें। फिर दीप-धूप से आरती करें।
7. दान-पुण्य:
इस दिन गायों को हरी घास खिलाना और गोशाला में दान करना भी बहुत पुण्यकारी माना जाता है। इसके
अलावा किसी मंदिर में गीता ग्रंथ का दान भी किया जा सकता है।
मोक्षदा एकादशी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय :
मोक्षदा एकादशी का व्रत न केवल मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इस दिन कुछ
विशेष उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
यदि आप इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा और कुछ विशेष उपायों का पालन करते हैं, तो आपको
अनेक लाभ मिल सकते हैं। यहां जानिए मोक्षदा एकादशी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय:
1. कंसन्ट्रेशन पावर बढ़ाने के लिए:
अगर आप अपनी एकाग्रता और कंसन्ट्रेशन पावर बढ़ाना चाहते हैं, तो इस दिन भगवान विष्णु के
दामोदर नाम का जाप करें। ताजा पुष्पों से भगवान का पूजन करें और पूजन के समय घंटे या घंटी
का स्वर बजाएं। यह उपाय आपके मानसिक बल को मजबूत करेगा और ध्यान केंद्रित करने में मदद
करेगा।
2. ताजगी बनाए रखने के लिए:
यदि आप अपने आस-पास ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना चाहते हैं, तो एक लोटे में
जल लेकर उसमें एक लाल फूल डालें और इस जल को भगवान विष्णु के सामने रखें। अब उस फूल
से भगवान पर जल छिड़कें और उनकी विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद उस जल को सूर्यदेव को
अर्पित कर दें। यह उपाय आपके वातावरण को शुद्ध करेगा।
3. दाम्पत्य जीवन में प्यार बढ़ाने के लिए:
यदि आप अपने दाम्पत्य जीवन में प्यार और स्नेह बढ़ाना चाहते हैं, तो इस दिन भगवान दामोदर
को रोली-चावल का तिलक लगाएं और ऊँ पद्मानाभय नमः या ऊँ हृषिकेषाय नमः मंत्र का पांच-पांच
बार जाप करें। यह उपाय आपके वैवाहिक जीवन को सुखी और प्रेमपूर्ण बनाएगा।
4. आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए:
अगर आपके किसी मित्र या रिश्तेदार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, तो इस दिन
एकाक्षी नारियल की पूजा करें। पूजा के बाद उस नारियल को अपने दोस्त को दे दें और कहें कि वह
उसे अपने पास रखे। यह उपाय आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा।
5. आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए:
यदि आप अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इस दिन श्री विष्णु पूजा के समय
तीन मुखी रुद्राक्ष भगवान के सामने रखें और उसकी भी विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद उस
रुद्राक्ष को धागे में पिरोकर गले में पहनें। यह उपाय आपके आर्थिक जीवन को सुधार सकता है।
6. सुख और वैभव प्राप्ति के लिए:
अगर आप जीवन में हर प्रकार के सुख और वैभव की प्राप्ति चाहते हैं, तो इस दिन भगवान दामोदर
को सिंदूर चढ़ाएं और ऊँ गोविंदाय नमः तथा ऊँ वामनाय नमः मंत्र का 11-11 बार जाप करें। यह
उपाय जीवन में ऐश्वर्य और समृद्धि लाएगा।
7. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए:
यदि आप स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इस दिन तुलसी की मंजरी से
शालीग्राम का पूजन करें। यह उपाय शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा।
8. खेल जगत में पहचान बनाने के लिए:
अगर आप खेल जगत में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, तो इस दिन स्नान के बाद श्री विष्णु की
धूप-दीप से पूजा करें और घोड़े को चने खिलाएं। यह उपाय आपको सफलता और पहचान दिला
सकता है।
9. जॉब में परिवर्तन के लिए:
अगर आप अपनी जॉब में कोई अच्छा बदलाव या प्रमोशन चाहते हैं, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद
सफलता नहीं मिल रही है, तो इस दिन दामोदर मंत्र का 108 बार जप करें। मंत्र है: ऊँ दामोदराय
नमः। यह उपाय नौकरी में बदलाव और सफलता की प्राप्ति में सहायक होगा।
10. काम में बार-बार नुकसान से बचने के लिए:
अगर आप किसी काम में बार-बार नुकसान का सामना कर रहे हैं और आपके कार्य पूर्ण नहीं हो रहे
हैं, तो इस दिन पांच गोमती चक्र लेकर भगवान विष्णु के चरणों में रखें। विधिपूर्वक पूजा करने के
बाद उन चक्रों को एक कपड़े में बांधकर अपने पास रखें। यह उपाय कार्य में सफलता और बाधाओं
से मुक्ति दिलाएगा।
11. घर में बरकत बनाए रखने के लिए:
अगर आप अपने घर में बरकत और खुशहाली बनाए रखना चाहते हैं, तो इस दिन अपने घर के
मंदिर में शंख की स्थापना करें और उसकी पूजा विधिपूर्वक करें। यदि घर में पहले से शंख रखा हो,
तो उसे साफ करके उसकी पूजा करें। शंख पर दूध की धारा अर्पित करें, जल चढ़ाकर उसे पोंछें और
घी का दीपक जलाएं। फिर उसमें केसर और चावल से श्री लिखकर पूजा करें। यह उपाय घर में
सुख, शांति और समृद्धि लाएगा।
12. पॉजिटिव एनर्जी बनाए रखने के लिए:
यदि आप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना चाहते हैं, तो इस दिन दूध, दही, घी, शहद और
शक्कर मिलाकर पंचामृत तैयार करें और भगवान विष्णु को अर्पित करें। यह उपाय आपके जीवन में
हर प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करेगा।
गीता का ग्यारहवां अध्याय और मोक्षदा एकादशी :
शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है
और गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करता है, उसके कई जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं। गीता के
ग्यारहवें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने विश्वरूप का दर्शन कराया था। जो व्यक्ति
ग्यारहवें अध्याय का नियमित पाठ करता है, उसे भगवान विष्णु के दर्शन का पुण्य मिलता है और उसका
जीवन लाभकारी बनता है।
निष्कर्ष:
मोक्षदा एकादशी के दिन किए गए ये उपाय न केवल आपके जीवन को खुशहाल बनाएंगे, बल्कि आपको
पुण्य की प्राप्ति भी होगी। इन उपायों को विधिपूर्वक करने से जीवन में समृद्धि, सुख, शांति और
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और गीता का पाठ करके आप अपने
जीवन को आध्यात्मिक रूप से ऊंचा उठा सकते हैं।
शुभ मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती!
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