मकर संक्रांति 2025: मकर संक्रांति पर कब और कैसे करें स्नान? जानें सही विधि,मंत्र, महत्व और धन समृद्धि के विशेष उपाय :
- Bhavika Rajguru
- Jan 15
- 8 min read
मकर संक्रांति एक ऐसा महत्वपूर्ण पर्व है जो हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ मनाया
जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मंगलवार के दिन पड़ी है, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण
है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि स्नान, दान, पूजा, और विशेष उपायों से व्यक्ति को अपार पुण्य
मिलता है।

मकर संक्रांति 2025 मुहूर्त :
मकर संक्रांति का समय: 14 जनवरी, सुबह 9:03 बजे पर।
मकर संक्रान्ति का महा पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से सुबह 10:48 बजे तक।
पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक।
ब्राह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 बजे से 6:21 बजे तक।
मकर संक्रांति 2025 का महत्व :
मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण होते हैं, जो देवताओं का दिन माना जाता है। इसी दिन से खरमास का
समापन होता है और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं। इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष
महत्व है क्योंकि सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश से शुभ कार्यों का आरंभ होता है।
मंगल-पुष्य योग का लाभ: लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व इस साल 14 जनवरी को विशेष रूप से दुर्लभ योग के साथ मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश और
मंगल-पुष्य योग का संयोग बन रहा है, जो 19 वर्षों बाद उत्पन्न हो रहा है। इस योग के कारण इस दिन
किया गया दान, पुण्य और आध्यात्मिक कार्यों और उन्नति के लिए लाभकारी, अत्यधिक फलदायी और अक्षय
पुण्य देने वाला माना गया है। इसके अतिरिक्त, यह समय विशेष रूप से विकास, खरीदारी और उन्नति के
लिए भी उपयुक्त माना जाता है।
मकर संक्रांति स्नान का महत्व: लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार मकर संक्रांति का
स्नान एक अद्वितीय अवसर है, जब व्यक्ति न केवल शारीरिक शुद्धि प्राप्त करता है, बल्कि आत्मिक
शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति के साथ मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस दिन गंगा जल का प्रयोग,
काले मिल का मिश्रण, और मंत्र का उच्चारण करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकता
है।
1. माघ माह में प्रयागराज के संगम में स्नान:
मकर संक्रांति के दिन माघ महीने के पहले दिन, विशेष रूप से प्रयागराज के संगम में स्नान करने
से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह स्नान मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करता है। यदि आप
प्रयागराज के संगम में नहीं जा सकते तो अपने नजदीकी तीर्थ स्थान जैस्रे तीर्थगुरु श्री ब्रह्म-पुष्कर
सरोवर पर या घर पर भी स्नान कर सकते हैं और पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
2. गंगा के स्पर्श से पुण्य की प्राप्ति:
मकर संक्रांति के दिन गंगा जल से स्नान करने का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है, क्योंकि मां
गंगा के पवित्र जल से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यही
कारण है कि इस दिन गंगाजल का उपयोग अत्यधिक महत्व रखता है।
मकर संक्रांति 2025 स्नान विधि लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार मकर संक्रांति पर स्नान की विधि इस प्रकार है:
1. गंगाजल का प्रयोग:
मकर संक्रांति के दिन महा पुण्य काल (सुबह 9:03 बजे से लेकर 10:48 बजे तक) में स्नान के पानी
में कुछ बूंदें गंगाजल की डालें। गंगाजल से स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
2. काले मिल का मिश्रण:
पानी में गंगाजल डालने के बाद, उसमें थोड़ा सा काला मिल भी डालें। मकर संक्रांति पर काले मिल
का उपयोग अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि यह पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
3. मंत्र का उच्चारण:
स्नान करते समय निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
या
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।
इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए स्नान करें। यदि आप मंत्र का उच्चारण नहीं कर पाते तो आप मां
गंगे का स्मरण करके स्नान करें और उनसे प्रार्थना करें कि जाने-अनजाने में किए गए पापों से
आपको मुक्ति प्रदान करें।
4. मां गंगा का आशीर्वाद:
मां गंगा ने भगीरथ के 60 हजार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया था। इसलिए मां गंगा के स्पर्श से
आपके पाप नष्ट हो जाते हैं और आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
5. स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा:
स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें। सूर्य देव के प्रति श्रद्धा और भक्ति
से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
6. दान का महत्व:
स्नान के बाद काले तिल, गुड़, खिचड़ी, गरम कपड़े आदि का दान करें। इन दानों का विशेष पुण्य होता
है और यह मकर संक्रांति पर किए गए पुण्य कार्यों को और भी बढ़ा देता है।
मकर संक्रांति पर स्नान की विधि :
मकर संक्रांति के दिन स्नान का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पुण्य का दिन माना जाता है। इस दिन स्नान
करके व्यक्ति को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।
1. स्नान का समय: मकर संक्रांति के दिन महा पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से लेकर 10:48 बजे तक
होता है। यह समय विशेष रूप से उपयुक्त है। यदि किसी कारणवश आप इस समय में स्नान नहीं
कर पाते हैं, तो आप पूरे दिन में कभी भी स्नान कर सकते हैं, क्योंकि पुण्य काल पूरे दिन शाम 5:46
बजे तक रहता है।
2. गंगाजल का प्रयोग: इस दिन स्नान करने के पानी में कुछ बूंदें गंगाजल की डालने से विशेष पुण्य
मिलता है। माना जाता है कि गंगाजल स्नान से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके
जीवन में समृद्धि और शांति आती है।
3. स्नान की विधि: मकर संक्रांति के दिन यदि संभव हो तो नदी, तालाब, या किसी पवित्र स्थान पर
स्नान करना श्रेष्ठ माना जाता है। घर में स्नान करते समय गंगाजल का मिश्रण पानी में डालें और
मन से सूर्य देव की पूजा करें।
4. मंत्र जाप: स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें और निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
ॐ सूर्याय नमः
यह मंत्र सूर्य देव की उपासना में अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
मकर संक्रांति 2025 पर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप
मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा,
मंत्रों का जाप और ध्यान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। सूर्य देव को जीवन, ऊर्जा और आस्था
का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, स्वास्थ्य और पुण्य की
प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करें:
1. सूर्य बीज मंत्र: सूर्य देव की पूजा में बीज मंत्र का जाप विशेष रूप से प्रभावी होता है। यह मंत्र सूर्य देव से
शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उच्चारण किया जाता है।
ॐ हूं सूर्याय नमः
2. सूर्य शक्ति मंत्र: सूर्य शक्ति मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यह मंत्र समृद्धि और मानसिक शांति के लिए भी उपयोगी माना जाता है।
ॐ सूर्याय आदित्याय श्री महादेवाय नमः
3. सूर्य सिद्धि मंत्र: इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की सिद्धि प्राप्त होती है और जीवन में सभी प्रकार
की समस्याओं का समाधान होता है।
ॐ सूर्याय सूर्याय नमः
4. सूर्य यंत्र मंत्र: यह मंत्र सूर्य यंत्र के पूजन और सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए जाप किया
जाता है। इसे रोज़ या मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से जाप करना लाभकारी होता है।
ॐ हं सूर्याय नमः
5. गायत्री मंत्र: गायत्री मंत्र का जाप सूर्य देव की पूजा का एक अत्यधिक प्रभावी तरीका है। यह मंत्र व्यक्ति
की बुद्धि, ज्ञान, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।।
6. आदित्य हृदयम मंत्र: यह मंत्र सूर्य देव की आराधना के लिए बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। इसे
विशेष रूप से मकर संक्रांति के दिन जाप करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
नमस्कारं च देवेशं लोकनाथं जगतां पतिं।
सूर्यमस्तकं बध्यं ब्राह्मणं बद्धमाश्रयेत्॥
मकर संक्रांति 2025: धन वर्षा के लिए करें ये ज्योतिष उपाय :
मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है। इस
दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने से खरमास समाप्त हो जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
इसके साथ ही मकर संक्रांति से जुड़े कुछ खास ज्योतिष उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में धन,
समृद्धि, और शांति प्राप्त कर सकता है।
1. मुख्य द्वार की सफाई और हल्दी से उपाय: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के बाद,
मुख्य द्वार को जल से धोकर शुद्ध करें। इसके बाद, मुख्य द्वार पर हल्दी की 5 गांठ कलावे में लपेटकर
बांधें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में समृद्धि का वास होता है।
2. सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में लाल चंदन मिलाना: सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में लाल चंदन
मिलाएं और साथ ही सूर्य देव के आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। यह उपाय सूर्य को मजबूत करने में
मदद करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है।
3. खिचड़ी का भोग और दान: मकर संक्रांति के दिन घर में खिचड़ी बनाकर उसे इष्ट देव को भोग अर्पित
करें। इसके बाद, उसी खिचड़ी को खाकर उसका दान करें। इस उपाय से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
4. गंगा स्नान और काले तिल प्रवाहित करना: गंगा स्नान करना मकर संक्रांति के दिन अत्यंत शुभ
माना जाता है। स्नान के बाद, बहते जल में काले तिल प्रवाहित करें। इस उपाय से शनि दोष में राहत मिल
सकती है और ग्रह दोष समाप्त होते हैं।
5. काले तिल से स्नान: मकर संक्रांति के दिन स्नान करते समय उसमें काले तिल मिलाएं। काले तिल का
स्नान करने से शनि महाराज की कृपा प्राप्त होती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ
ॐ नमो भगवते सूर्याय नमः या ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
6. शनि दोष से राहत के उपाय: शनि दोष से राहत पाने के लिए मकर संक्रांति के दिन गंगाजल में काले
तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय से शनि दोष समाप्त होता है और जीवन में शांति
आती है।
7. कर्ज से मुक्ति के लिए उपाय: मकर संक्रांति के दिन एक मुट्ठी काला तिल लेकर अपने परिवार के
सदस्यों और घर पर सात बार वार दें। ऐसा करने से घर से सारे दोष दूर होते हैं और कर्ज से मुक्ति
मिलती है।
8. पितरों का तर्पण: मकर संक्रांति के दिन पितरों का तर्पण करना भी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पितरों
को तर्पण करने से उनकी कृपा बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति का वातावरण होता है।
9. घी का सेवन: मकर संक्रांति के दिन घी का सेवन शुभ माना जाता है। इस दिन लोग खिचड़ी और घी
का सेवन करते हैं। घी का सेवन करने से परिवार में सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
10. 14 कौड़ियां और दीपक उपाय: मकर संक्रांति के दिन 14 कौड़ियां लेकर उन्हें केसर के दूध से स्नान
कराएं और फिर गंगाजल से शुद्ध कर लें। मां लक्ष्मी की मूर्ति के पास एक दीपक घी का और दूसरा तिल
के तेल का जलाएं। तिल के दीपक को बाईं ओर और घी के दीपक को दाईं ओर रखें। इसके बाद, कौड़ियों
को हाथ में लेकर ॐ संक्रात्याय नमः मंत्र का 14 बार जाप करें। इस उपाय से धन की बरकत बनी रहती है।
11. भगवान शिव का अभिषेक: मकर संक्रांति के दिन गंगाजल से स्नान करने के बाद भगवान शिव का
अभिषेक करें। श्वेत वस्त्र पहनकर गाय के दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें और उन्हें काले तिल,
बेलपत्र, पुष्प, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें। इस दौरान ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
12. दान का महत्व: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने के साथ-साथ जरूरतमंदों को
गुड़, तिल, खिचड़ी और गर्म कपड़े दान करें। इस दान से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती
है।
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