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नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा: माँ कालरात्रि पूजा और मंत्र:

चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व है। माँ कालरात्रि का रूप अत्यंत भयानक

और उग्र होता है, लेकिन वे केवल शुभ फल देने वाली हैं। उनके इस रूप से किसी भी प्रकार का भय न लें,

क्योंकि उनकी कृपा से जीवन में बड़े बदलाव आते हैं और ग्रहों की बाधाएँ दूर होती हैं। वे अंधकार और

नकारात्मकता का नाश करने वाली देवी मानी जाती हैं।

माँ कालरात्रि का स्वरूप:

माँ कालरात्रि का रूप काफी उग्र और भयावह है, लेकिन उनका उद्देश्य केवल और केवल शुभ और

कल्याणकारी होता है। उनकी गहरी त्वचा, खुले बाल, और रक्ताभ मुख भय का प्रतीक होते हैं, लेकिन उनके

आशीर्वाद से भक्तों को सभी प्रकार के भय और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। वे ग्रह दोषों और

अंधकार से उबारने वाली देवी हैं।


माँ कालरात्रि के लिए मंत्र: पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार


1. कालरात्रि जप मंत्र:

ॐ देवी कालरात्रियै नमः

या ॐ देवी कालरात्रि नमः


2. पूजा के लिए मंत्र:

करालवंदना धोरां मुक्ताकेशी चतुर्भुजम्।

कालरात्रिं करालिंका दिव्यंविद्युतमाला विभूषितम्।


3. कालरात्रि स्तुति मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


4. प्रार्थना मंत्र:

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।

वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥


पूजा विधि:

1. दीपक और पूजा सामग्री:

सबसे पहले, पूजा स्थल पर एक गाय के घी का दीपक जलाएं। फिर जल, लाल फूल, और चावल

(अक्षत) दाहिने हाथ में लेकर, माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों का आवाहन करें।

2. मंत्रों का जप:

उपरोक्त दिए गए मंत्रों का जाप तुलसी की माला से 108 बार करें। यह प्रक्रिया 9 दिनों तक निरंतर

करें।

3. भोग अर्पण:

गुड़ का भोग माँ कालरात्रि को अर्पित करें। गुड़ का भोग चढ़ाने से शोक, कष्ट और आकस्मिक संकटों

से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है।

4. हवन:

नवरात्रि के आखिरी दिन सभी मंत्रों के साथ 51-51 आहुति से हवन करें। इससे घर में शांति और

समृद्धि का वास होता है।


माँ कालरात्रि के आशीर्वाद से लाभ:

  • नकारात्मकता का नाश: माँ कालरात्रि के आशीर्वाद से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, ग्रह

बाधाओं और अंधकार का नाश होता है।

  • भय से मुक्ति: जिन भक्तों के जीवन में भय या मानसिक तनाव है, माँ कालरात्रि उनके जीवन में

सुख, शांति और सुरक्षा का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

  • आकस्मिक संकटों से सुरक्षा: गुड़ का भोग अर्पित करने से आकस्मिक संकटों से रक्षा होती है और

शोक से मुक्ति मिलती है।

  • विजय और सफलता: उनके आशीर्वाद से व्यक्ति को जीवन में सफलता, विजय और समृद्धि प्राप्त

होती है।


नोट: पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार इस दिन श्रद्धा और विश्वास के

साथ पूजा करें और माँ कालरात्रि से सभी नकारात्मकता और भय से मुक्ति की प्रार्थना करें। उनके आशीर्वाद

से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और शक्ति का संचार होगा।

 
 
 

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