नवरात्रि के पांचवे दिन की पूजा: स्कंदमाता पूजा और मंत्र:
- Bhavika Rajguru
- Apr 2
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चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व है। इनका संबंध भगवान कार्तिकेय से है,
जो स्कंद कुमार के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। माँ स्कंदमाता को देवी दुर्गा का एक शांति, प्रेम और सुरक्षा देने
वाला रूप माना जाता है। इनकी पूजा से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे परम सुख की प्राप्ति
होती है।

माँ स्कंदमाता का स्वरूप:
माँ स्कंदमाता को अक्सर भगवान कार्तिकेय को अपनी गोदी में लिए और हाथों में कमल का फूल पकड़े हुए
चित्रित किया जाता है। उनका यह रूप मातृ प्रेम, करुणा और सुरक्षा का प्रतीक है। माँ स्कंदमाता के दर्शन
से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिसमें प्रेम, सुख और शांति का वास होता है।
माँ स्कंदमाता के लिए मंत्र:
पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार माँ स्कंदमाता की पूजा में
निम्नलिखित मंत्रों का जप किया जाता है:
1. स्कंदमाता जप मंत्र:
ॐ देवी स्कंदमात्र्यै नमः
2. पूजा के लिए मंत्र:
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनीम्।
3. स्कंदमाता स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. प्रार्थना मंत्र:
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
पूजा विधि:
1. दीपक और पूजा सामग्री:
सबसे पहले पूजा स्थल पर एक गाय के घी का दीपक जलाएं। फिर जल, लाल फूल, और चावल
(अक्षत) दाहिने हाथ में लेकर, माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों का आवाहन करें।
2. मंत्रों का जप:
उपरोक्त दिए गए मंत्रों का जाप तुलसी की माला से 108 बार करें। यह प्रक्रिया 9 दिनों तक निरंतर
करें।
3. भोग अर्पण:
इस दिन विशेष रूप से केले का भोग माँ स्कंदमाता को अर्पित करें। केले का भोग अर्पित करने से
उत्तम स्वास्थ्य और निरोगी काया प्राप्त होती है।
4. हवन:
नवरात्रि के आखिरी दिन सभी मंत्रों के साथ 51-51 आहुति से हवन करें, जिससे घर में शांति और
समृद्धि का वास होता है।
स्कंदमाता के आशीर्वाद से लाभ:
प्रेम और सुरक्षा: माँ स्कंदमाता का आशीर्वाद भक्तों को जीवन में प्रेम, करुणा और सुरक्षा प्रदान करता है।
सुख और समृद्धि: इनकी पूजा से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं और वे शांति और समृद्धि के मार्ग पर चलने लगते हैं।
स्वास्थ्य में वृद्धि: केले का भोग अर्पित करने से स्वास्थ्य में सुधार और निरोगी काया प्राप्त होती है।
आध्यात्मिक उन्नति: भक्तों को अध्यात्मिक उन्नति और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार माँ स्कंदमाता की पूजा से जीवन में
शांति, सुरक्षा और समृद्धि का वास होता है। इस दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करें और उनके
आशीर्वाद से अपने जीवन को बेहतर बनाएं।
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