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नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा: ब्रह्मचारिणी पूजा और मंत्र :

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व अत्यधिक है। यह दिन तपस्या, सदाचार, और

भक्ति का प्रतीक है। माँ ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को शक्ति, तप, और सद्गुणों का आशीर्वाद देती हैं। इस

दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप भक्ति और तपस्या की देवी के रूप में

दिखाई देता है, जो अपने भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करती हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप :

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और भव्य है। वे अपने दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में

कमंडल धारण करती हैं। उनके इस रूप में भक्ति और तपस्या का अद्वितीय मेल है। माँ का यह रूप सभी

भक्तों को संयम, आत्म-नियंत्रण, और साधना के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

माँ ब्रह्मचारिणी पूजा के लिए मंत्र :

पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार इस दिन के विशेष मंत्रों के जप से

भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में शांति का अनुभव होता है।

1. ब्रह्मचारिणी जप मंत्र

• ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः

2. मंत्र पूजा के लिए

• दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

3. ब्रह्मचारिणी स्तुति मंत्र

• या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


पूजा विधि :

1. दीपक और पूजा सामग्री:

• पूजा स्थल पर सबसे पहले एक गाय के घी का दीपक जलाएं।

• इसके बाद जल, लाल फूल, और चावल (अक्षत) दाहिने हाथ में लेकर माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों का आवाहन करें।

2. मंत्रों का जप:

• उपरोक्त दिए गए मंत्रों का जाप 108 बार तुलसी की माला से करें। यह 9 दिनों तक निरंतर करें, जिससे माता ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद प्राप्त हो।

3. भोग अर्पण:

• ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग अर्पित करें, यह विशेष रूप से उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए माना जाता

है।

• शक्कर का प्रसाद परिवार के सभी सदस्य को वितरित करें, जिससे उनकी आयु में वृद्धि होती है और घर

में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

4. हवन:

• नवरात्रि के आखिरी दिन सभी मंत्रों के साथ 51-51 आहुति से हवन करें, जिससे घर में शांति और समृद्धि का वास होगा।


ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से प्राप्त होने वाले लाभ :

• तपस्या और साधना में सफलता।

• भक्तों को आत्म-विश्वास और साहस मिलता है।

• किसी भी कार्य में कठिनाई आने पर माँ ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद समस्याओं का समाधान करता है।

• तपस्वियों और साधकों के लिए आध्यात्मिक उन्नति होती है।


पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से

भक्तों के जीवन में न केवल भौतिक सुख आते हैं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक बल भी प्राप्त होता है।

नोट:

पूजा के दौरान शुद्धता और भक्ति की भावना बनाए रखें, ताकि माँ ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद आपके जीवन

में उज्जवलता और सुख लेकर आए।

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