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नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा: चंद्रघंटा पूजा और मंत्र:

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा का महत्व अत्यधिक है। माँ चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत

शांतिपूर्ण और कल्याणकारी है, और इनकी पूजा से भक्तों के जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है।

माँ चंद्रघंटा का रूप और आशीर्वाद विशेष रूप से नकारात्मकता और बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए जाना

जाता है।

माँ चंद्रघंटा का स्वरूप:

माँ चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र अंकित है, यही कारण है कि उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।

उनका यह रूप बहुत ही शांत और सौम्य है। माँ चंद्रघंटा का वाहन शेर है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक

है। इस रूप में वे रक्षात्मक और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा देने वाली देवी हैं। उनके दर्शन से साधक

को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन और दिव्य ध्वनियों का अनुभव होता है, जो उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की

दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

माँ चंद्रघंटा के लिए मंत्र:

पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार माँ चंद्रघंटा की उपासना करने के

लिए विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे जीवन में शांति और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।

नीचे कुछ प्रमुख मंत्र दिए गए हैं:


1. चंद्रघंटा जप मंत्र:

ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः


2. पूजा के लिए मंत्र:

पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसीदं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥


3. चंद्रघंटा स्तुति मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


पूजा विधि:

1. दीपक और पूजा सामग्री: पूजा स्थल पर एक गाय के घी का दीपक जलाएं। फिर जल, लाल फूल और

चावल (अक्षत) दाहिने हाथ में लेकर, माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों का आवाहन करें।


2. मंत्रों का जप: उपरोक्त दिए गए मंत्रों का जाप तुलसी की माला से 108 बार करें। यह प्रक्रिया 9 दिनों

तक निरंतर करें, ताकि माँ चंद्रघंटा का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।


3. भोग अर्पण: इस दिन विशेष रूप से दूध या दूध से बनी खीर का भोग माँ चंद्रघंटा को अर्पित करें।

इस भोग को ब्राह्मणों को दान देने से भक्तों के दुख समाप्त होते हैं और जीवन में परम आनंद की

प्राप्ति होती है।


4. हवन: नवरात्रि के आखिरी दिन सभी मंत्रों के साथ 51-51 आहुति से हवन करें, जिससे घर में शांति

और समृद्धि का वास होता है।


चंद्रघंटा के आशीर्वाद से लाभ:

  • नकारात्मकता और बुरे प्रभावों से सुरक्षा।

  • शांति और सुख की प्राप्ति।

  • आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य दर्शन।

  • जीवन में संकटों का निवारण और बाधाओं से मुक्ति।


पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार माँ चंद्रघंटा की उपासना से न केवल

भौतिक सुख प्राप्त होते हैं, बल्कि मानसिक शांति और दिव्य ऊर्जा भी मिलती है। इसलिए इस दिन विशेष

रूप से श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल बनाएं।

 
 
 

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