नवरात्रि के छठे दिन की पूजा: कात्यायनी पूजा और मंत्र:
- Bhavika Rajguru
- Apr 2
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चैत्र नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है। यह दिन माँ कात्यायनी को समर्पित
होता है, जो एक उग्र रूप में बुराई का संहार करने वाली देवी के रूप में पूजी जाती हैं। उन्हें शेर की सवारी
करते हुए और हाथ में तलवार लिए हुए चित्रित किया जाता है। माँ कात्यायनी को शक्ति, साहस और विजय
की देवी माना जाता है और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों और नकारात्मक शक्तियों का नाश
होता है।

माँ कात्यायनी का स्वरूप:
माँ कात्यायनी का रूप उग्र और साहसिक है। उन्हें हमेशा शेर पर सवार और हाथ में तलवार पकड़े हुए
दिखाया जाता है। उनके इस रूप से यह प्रतीत होता है कि वे अपने भक्तों को भय और नकारात्मक ऊर्जा
से मुक्त कर देती हैं। माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को अद्भुत शक्ति, साहस और आत्मविश्वास मिलता
है।
माँ कात्यायनी के लिए मंत्र:
पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार माँ कात्यायनी की पूजा में
निम्नलिखित मंत्रों का जप किया जाता है:
1. कात्यायनी जप मंत्र:
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
2. पूजा के लिए मंत्र:
स्वर्णाज्ञा चक्र स्थितं षष्टम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
वरभीत कारणं शगपदधरां कात्यायनसुतां भजामि।
3. कात्यायनी स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. प्रार्थना मंत्र:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
पूजा विधि:
1. दीपक और पूजा सामग्री:
सबसे पहले पूजा स्थल पर एक गाय के घी का दीपक जलाएं। फिर जल, लाल फूल, और चावल
(अक्षत) दाहिने हाथ में लेकर, माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों का आवाहन करें।
2. मंत्रों का जप:
उपरोक्त दिए गए मंत्रों का जाप तुलसी की माला से 108 बार करें। यह प्रक्रिया 9 दिनों तक निरंतर
करें।
3. भोग अर्पण:
इस दिन विशेष रूप से शहद का भोग माँ कात्यायनी को अर्पित करें। शहद का भोग अर्पित करने से
व्यक्ति की आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है और उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है।
4. हवन:
नवरात्रि के आखिरी दिन सभी मंत्रों के साथ 51-51 आहुति से हवन करें, जिससे घर में शांति और
समृद्धि का वास होता है।
कात्यायनी के आशीर्वाद से लाभ:
साहस और आत्मविश्वास: माँ कात्यायनी का आशीर्वाद भक्तों को साहस और आत्मविश्वास प्रदान
करता है।
दुश्मनों का संहार: उनके आशीर्वाद से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और दुश्मनों पर विजय
प्राप्त होती है।
आकर्षण शक्ति में वृद्धि: शहद का भोग अर्पित करने से व्यक्ति की आकर्षण शक्ति और व्यक्तित्व
में सुधार होता है।
सफलता और विजय: जीवन में आने वाली बाधाओं पर विजय प्राप्त होती है और नए अवसरों की
प्राप्ति होती है।
नोट: पुष्कर की प्रसिद्ध लाल-किताब ज्योतिर्विद, भाविका राजगुरु के अनुसार इस दिन श्रद्धा और विश्वास के
साथ पूजा करें और माँ कात्यायनी से शक्ति और साहस का आशीर्वाद प्राप्त करें। उनके आशीर्वाद से जीवन
में सकारात्मक परिवर्तन और सफलता प्राप्त होती है।
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