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धनवंतरी दिवस (धन तेरस) और दीपावली की पूजा विधि :

Updated: Oct 25, 2024

1. धनवंतरी दिवस (धन तेरस) का महत्व:

धनवंतरी त्रयोदशी, जिसे धन तेरस के नाम से भी जाना जाता है, विशेष रूप से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि

के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान धनवंतरी, जो आयुर्वेद के प्रवर्तक हैं, अमृत कलश के साथ प्रकट हुए

थे।

पूजा विधि:

1. सुबह की पूजा:

o प्रात: जल्दी उठें, स्नान करें, और मस्तिष्क पर अमृतम चंदन का तिलक लगाएं।

o सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें और ॐ सूर्य शिवाय नमः

का 108 बार जाप करें।

2. दीपदान:

o सूर्यास्त के बाद, घर, द्वार और मंदिर में 3 या 13 देशी घी के दीपक जलाएं।

o दीपक जलाते समय यह मंत्र बोलें:

मृत्युना दंड पाशाभ्यां कालेन श्यामया सह।

त्रयोदश्यां दीप दानात् सूर्यज से प्रीयतां मम।।

3. स्वास्तिक एवं धन की पूजा:

o तिजोरी या धन रखने वाली जगह पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाकर कलावा बांधें।


2. छोटी दीपावली/नरक चतुर्दशी पूजा :

छोटी दीपावली, जो नरक चतुर्दशी के रूप में भी जानी जाती है, का महत्व इस दिन हनुमान जी के जन्म के

कारण है।

पूजा विधि:

1. चार बत्तियों का दीपक:

o चार बत्तियों के दीपक जलाएं और मंत्र बोलें:

दत्तो. दीपश्रचतुर्दश्यां नरक प्रीतये मया।

चतुर्वर्ति समा युक्तः सर्वपापाय नुतये।।

2. मालिश और स्नान:

o तेल से अभ्यंग करें और स्नान करें।

3. बड़ी दीपावली पूजा


3. बड़ी दीपावली पूजा -

पूजा की तैयारी:

1. पूजा स्थल की सजावट:

o मुख्य आंगन में रंगोली बनाएं और स्वास्तिक यंत्र स्थापित करें।

2. प्राणायाम:

o पूजा से पहले प्राणायाम करें और घर को शुद्ध करें।

पूजा विधि:

1. कलश स्थापना:

o तांबे के कलश में जल और चावल भरकर नारियल रखें।

o चौकी पर श्रीगणेश और महालक्ष्मी की मूर्तियाँ स्थापित करें।


2. नैवेद्य:

o घर में बने शुद्ध पकवान और मिठाई का नैवेद्य समर्पित करें।


3. आरती:

o परिवार के सभी सदस्य खड़े होकर कपूर से आरती करें और निम्नलिखित मंत्र बोलें:

ॐ श्री ॐ ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।।


4. विशेष ध्यान -

  • दीपावली की रात्रि में यदि महालक्ष्मी का विधिवत पूजन किया जाए, तो सम्पत्ति में विशेष वृद्धि होती है।

    शांतिः मंत्र:

    ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय।

    मृत्योर्मामृतं गमय। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥


    दीपावली का पर्व, अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। यह दिन केवल पूजा नहीं है, बल्कि

    समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति का अवसर है। इस समय किये गये पूजा-पाठ से जीवन में सुख, समृद्धि

    और खुशियाँ आती हैं।

सर्वे भवन्तु सुखिनः।

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