गोवर्धन पूजा 2024: तिथि, मुहूर्त और विशेष ज्योतिषीय उपाय :
- Bhavika Rajguru
- Oct 27, 2024
- 5 min read
गोवर्धन पूजा त्योहार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान
कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इसे इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र देवता को पराजित
करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, और तभी से इसे गोवर्धन पूजा कहा जाने लगा।
इस दिन को अन्नकूट या अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण
की पूजा-अर्चना करने से साधक के समस्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं।
भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन लीला का वर्णन विष्णुपुराण के पंचम खंड के 10, 11 और 12वें अध्याय में
किया गया है।

उद्धरण: इति कृत्वा मतिं कृष्णो गोवर्धनमहीधरम्।
उत्पाट्यैककरेणेव धारयामास लीलया ॥
[विष्णुपुराणम्/5/11/16]
अर्थ: श्री कृष्णचंद्र ने ऐसा विचार कर गोवर्धन पर्वत को उखाड़ लिया और उसे लीला से ही अपने एक हाथ
पर उठा लिया।
गोवर्धन पूजा 2024 तिथि (Govardhan Puja 2024 Date) :
हिंदू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा की तिथि इस साल 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 2 नवंबर रात 8:21 बजे होगा। उदयातिथि के आधार पर, गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2024 Muhurat) :
सुबह का शुभ मुहूर्त:
o प्रात: 5:34 से 8:46 बजे तक (कुल 2 घंटे 12 मिनट)
दोपहर का मुहूर्त:
o शाम 3:23 से 5:35 बजे तक (कुल 2 घंटे 12 मिनट)
इसके अलावा, त्रिपुष्कर योग 3 नवंबर को रात 8:21 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर सुबह 5:58 बजे तक रहेगा।
इस अवसर पर भक्तों को उचित समय में पूजा अर्चना करने का लाभ मिलेगा।
गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja Puja Vidhi) :
गोवर्धन पूजा की विधि निम्नलिखित है:
1. स्नान और तैयारी: सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. गोवर्धन पर्वत और मूर्ति बनाना: गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति
बनाएं।
3. सजावट: मूर्ति को फूलों और रंगों से सजाएं।
4. पूजा सामग्री: गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें। उन्हें जल, दीपक, धूप, फल, और
उपहार अर्पित करें।
5. भोग लगाना: कढ़ी और अन्नकूट चावल का भोग लगाएं।
6. परिक्रमा: गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें, इस दौरान जल को हाथ में लेकर मंत्र का जाप
करें।
7. आरती: अंत में आरती करके पूजा का समापन करें।
8. अन्य पूजाएँ: गाय, बैल और भगवान विश्वकर्मा का पूजन भी इस दिन करें।

गोवर्धन पूजा मंत्र :
1. मुख्य मंत्र:
“गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।”
2. श्री कृष्ण का शक्तिशाली मंत्र:
“श्री कृष्णाय वयं नम: सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे।
तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नम:।।
ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो श्रीकृष्ण: प्रचोदयात।”
3. गोवर्धन पूजा मंत्र:
“श्री गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण।”
4. आशीर्वाद के लिए मंत्र:
“ ॐ गोवर्धन धारणाय नमः” — यह मंत्र सभी परेशानियों से मुक्ति पाने और
भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
5. लक्ष्मी मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मैय नमः” — यह धन-
समृद्धि के लिए किया जाता है।
मंत्र और स्तुति के चमत्कारी फायदे :
जो भक्त प्रतिदिन भगवान कृष्ण के मंत्र और स्तुति का पाठ करते हैं, उन्हें मृत्यु के भय से मुक्ति
मिल जाती है।
श्री कृष्ण की पूजा से साधक मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।
जाने-अनजाने में किए गए सभी बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है।
मन, शरीर और आत्मा में उचित संतुलन बनाने में मदद मिलती है।
पुरानी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
तनाव और चिंता कम करने में सहायता होती है।
इन मंत्रों और स्तुति का पाठ करने से सभी सांसारिक सुख और विलासिताएं प्राप्त होती हैं।
इस प्रकार, गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण और दिव्य अवसर है, जिसमें भक्ति और श्रद्धा से भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है।
गोवर्धन पूजा का महत्व (Importance of Govardhan Puja) :
गोवर्धन पूजा का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसकी कई पौराणिक मान्यताएँ हैं। यह पर्व
भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाने की घटना को स्मरण करता है, जब
भगवान ने ब्रजवासियों को इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था।
अन्नकूट का महत्व :
गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का विशेष महत्व होता है, जिसका अर्थ है भोजन का ढेर। इस दिन विभिन्न प्रकार के शाकाहारी व्यंजन जैसे खीर, लड्डू, माखन, सूजी का हलवा आदि भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किए जाते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें और क्या ना करें :
क्या करें:
गोवर्धन पूजा को सार्वजनिक स्थान पर, परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर करें।
स्वच्छ कपड़े पहनकर परिक्रमा करें।
गाय माता की पूजा करें।
क्या न करें:
गोवर्धन पूजा को बंद कमरे में नहीं करना चाहिए।
शराब, नशीले पदार्थ और मांसाहारी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
परिक्रमा को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र में मान्यता :
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन विशेष उपाय करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम किया जा
सकता है और इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस प्रकार, गोवर्धन पूजा न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह व्यक्तिगत और
सामाजिक जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाने का भी माध्यम है।
गोवर्धन पूजा के दिन विशेष उपाय (Special Remedies on Govardhan Puja) :
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन किए गए कुछ विशेष उपाय ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम
करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होते हैं। ये उपाय आपके जीवन में समृद्धि और पारिवारिक
संबंधों में सुधार लाने में मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
1. गाय की पूजा:
गाय को स्नान कराएं, उसके माथे पर तिलक लगाएं, चारा खिलाएं और सात बार
परिक्रमा करें। गाय के खुर की मिट्टी को कांच की बोतल में भरकर अपने पास रखें, इससे आर्थिक
परेशानियां दूर होती हैं और धन की प्राप्ति होती है।
2. उत्तम स्वास्थ्य के लिए:
यदि सेहत खराब रहती है, तो बरगद की छाल को पानी में उबालकर उसी पानी से स्नान करें और मन में श्री कृष्ण का सुमिरन करें।
3. गोबर से पर्वत बनाना:
गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाना शुभ माना जाता है, जिससे घर में समृद्धि और खुशहाली आती है।
4. रंगोली बनाना:
घर के प्रवेश द्वार पर सुंदर रंगोली बनाएं, जिससे जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।
5. पीपल की पूजा:
गोवर्धन पूजा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें, इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
6. तुलसी की पूजा:
तुलसी की पूजा करने से भी धन की प्राप्ति होती है। नया तुलसी का पौधा स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
7. अन्न दान:
गोवर्धन पूजा के दिन अन्न दान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है और धन की आमदनी बढ़ती है।
8. संतान सुख प्राप्ति:
पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, और घी) भगवान् कृष्ण को अर्पित करके ॐ क्लीं
देवकी सूत गोविंद वासुदेव जगतपते देहि मे तनयं कृष्ण त्वा महम् शरणं गता: क्लीं ॐ। मंत्र का जप करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
9. सुख-समृधि के लिये:
किस्मत साथ नहीं दे रही हो या बच्चों की सुख-समृधि के लिये चावल के आटे
से तीन चिड़िया बनाकर पानी में उबाल ले फिर , एक गाय को, दूसरी छत पर पक्षियों को और
तीसरी माता लक्ष्मी को अर्पित करें। इससे किस्मत खुलती है।
10. विशेष मनोकामना पूर्ति का उपाय:
अगर काम बनते-बनते बिगड़ जाते हों या कोई विशेष मनोकामना हो, तो गोवर्धन पूजा के दिन बरगद के पेड़ की छाल लें। इसे कूटकर पीपल के पांच पत्तों पर बराबर मात्रा में रखें। इसके बाद इन पत्तों के ऊपर रखी छाल से अपनी मनोकामना या बिगड़ते कार्यों को बनाने की प्रार्थना करें। फिर नीम, आम और गूलर की तीन डंडियाँ लें और उन्हें भी पत्तों पर रखें। अंत में एक टुकड़ा कपूर और 6 लौंग लेकर पत्तों के सामने रखें और जला दें। ऐसा करने से यह माना जाता है कि आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हो जाती हैं।
इन उपायों को अपनाकर आप गोवर्धन पूजा के दिन विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में
खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप न केवल अपने जीवन में सकारात्मक
बदलाव ला सकते हैं, बल्कि पारिवारिक संबंधों को भी सुधार सकते हैं।
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