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उत्पन्ना एकादशी 2024 : महत्व, पूजा विधि और उपास्य कर्म :

उत्पन्ना एकादशी, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसे भगवान विष्णु के

प्रिय दिन के रूप में जाना जाता है और इसे विशेष रूप से पाप नाशक और पुण्यकारी व्रत के रूप में माना

जाता है। इस दिन का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यधिक है, और इसे पूरे समर्पण और श्रद्धा से

मनाना जाता है।

उत्पन्ना एकादशी का महत्व :

उत्पन्ना एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। यह दिन मां एकादशी के जन्म

से जुड़ा हुआ है, जिन्हें भगवान विष्णु के साथ एक राक्षस मुरासुर के साथ युद्ध में मदद करने के लिए

प्रसिद्ध किया गया। यह दिन सभी एकादशी व्रतों की शुरुआत के रूप में भी माना जाता है और इसी दिन

एकादशी का जन्म हुआ था। उत्पन्ना एकादशी का प्रारंभिक उल्लेख भविष्योत्तर पुराण में देखा जा सकता है,

जो युधिष्ठिर और भगवान विष्णु के बीच संवाद में मौजूद है। इस त्योहार का महत्व संक्रांति जैसे शुभ

आयोजनों के बराबर है, जहां भक्त दान और दान की क्रिया करके कई पुण्य प्राप्त करते हैं। इस दिन

मनाया जाने वाला व्रत भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के लिए किए गए उपवास के बराबर है। इसलिए

आशीर्वाद प्राप्त करने और अपने अतीत और वर्तमान के पापों से छुटकारा पाने के लिए पूरे समर्पण के साथ

व्रत करना चाहिए।

उत्पन्ना एकादशी 2024 का व्रत :

इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन एकादशी तिथि का उदय 26

नवंबर को 01:01 AM होगा और इसका समापन 27 नवंबर को सुबह 03:47 AM होगा। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के पूजन और व्रत का महत्व है।

उत्पन्ना एकादशी के दिन विशेष पूजा विधि :

उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत और पूजा की विधि को शास्त्रों के अनुसार पूर्ण श्रद्धा से करना चाहिए।

निम्नलिखित पूजा विधियों का पालन करके व्यक्ति इस दिन के पुण्य लाभ को प्राप्त कर सकता है:

1. स्नान और व्रत की तैयारी:

  • स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।

  • पूजा से पहले घर में गंगाजल छिड़कें और घर को पवित्र करें।

2. भगवान विष्णु की पूजा:

o सूर्योदय से पूर्व उठकर भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।

o पीले वस्त्र पहनें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है।

o केसर का तिलक भगवान विष्णु को और स्वयं को लगाएं।

o भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवेद्य, रोली और अक्षत अर्पित करें। साथ ही, तुलसी के पत्ते अर्पित करें।

3. विशेष मंत्रों का जाप:

o इस दिन विष्णु मंत्र का उच्चारण करें:

शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम।

विश्वाधरं गगनसदृशं मेघवर्णं सुभागं।।

लक्ष्मी कांतं कमलनयनं योगीभिर्ध्यान गम्यम।

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैक नाथम।।

4. तुलसी पूजन और सत्यनारायण कथा:

o पूजा के बाद तुलसी पूजन करें और एकादशी की कथा सुनें।

o शाम को सत्यनारायण की कथा का आयोजन भी करना चाहिए।

5. दान-पुण्य:

o इस दिन दान का महत्व बहुत अधिक है। इस दिन दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के

पाप नष्ट होते हैं। विशेष रूप से ताम्र, चांदी, और सोने के दान से लाभ मिलता है।

6. भजन-कीर्तन:

o भगवान विष्णु के भजन और कीर्तन करना इस दिन के लिए विशेष रूप से शुभ है।


उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा :

सतयुग में एक राक्षस मुरासुर ने स्वर्ग पर विजय प्राप्त कर ली थी और देवताओं को हराकर उन्हें पराजित

किया था। इस संकट से उबारने के लिए देवताओं ने भगवान विष्णु की शरण ली। भगवान विष्णु ने युद्ध

में मुरासुर को हराया, लेकिन एक लड़ाई में मुरासुर के पास न तो पराजित किया जा सकता था और न ही

मारा जा सकता था। तब भगवान विष्णु ने बद्रीनाथ धाम में विश्राम किया और योग निद्रा में चले गए।

इसी योग निद्रा में भगवान विष्णु के शरीर से एक तेजपुंज द्वारा एक शुभ बालिका का जन्म हुआ, जिसे मां

एकादशी के रूप में पूजा गया। उन्होंने मुरासुर का वध किया और इस तरह भगवान विष्णु ने उन्हें उत्पन्ना

एकादशी का नाम दिया।

इस दिन को लेकर मान्यता है कि व्रत रखने से पाप समाप्त होते हैं और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती

है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि

घर में धन-धान्य की कमी भी नहीं होती।


उत्पन्ना एकादशी पर विशेष उपाय: जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ाने के लिए

1. धन की वृद्धि के लिए उपाय :

उत्पन्ना एकादशी के दिन एक लाल कपड़े में एक मुट्ठी अक्षत (चावल) और सात लौंग बांधकर, ब्रह्म मुहूर्त

में इस पोटली को घर की तिजोरी में रख दें। यह उपाय घर में धन-धान्य की वृद्धि करेगा और पारिवारिक

क्लेश भी दूर करेगा।

2. सफलता प्राप्ति के उपाय :

अगर आप नौकरी, व्यापार या पढ़ाई में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान

विष्णु की पूजा करें। उन्हें गेंदे के फूल या माला अर्पित करें और उन फूलों को उस वस्तु के साथ रख दें, जो

आपकी नौकरी, व्यापार या पढ़ाई से जुड़ी हुई हो। इस उपाय से सफलता मिलने के योग बनते हैं।

3. मनोकामना पूर्ति के उपाय :

अगर आपकी कोई मनोकामना है जो लंबे समय से अधूरी है, तो आप तांबे के पत्र या पीपल के पत्ते पर

अपनी इच्छा लिखकर भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं। यह उपाय मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करने

में मदद करता है।

4. ग्रह दोष दूर करने के उपाय :

अगर आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष है, तो उस ग्रह का नाम एक पर्ची पर लिखकर भगवान विष्णु के

सामने रखें। फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। यह उपाय ग्रहों के दोष को दूर करने और जीवन में सुख-

शांति लाने में मदद करता है।


उत्पन्ना एकादशी पर तरक्की और सुख-शांति के लिए असरदार उपाय

5. कारोबार में तरक्की के उपाय

अगर आप अपने कारोबार में तरक्की चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन पांच गुंजाफल भगवान विष्णु

के सामने रखें और उनकी पूजा करें। पूजा के बाद उन गुंजाफल को अपनी तिजोरी या गल्ले में रख लें। यह

उपाय व्यापार में लाभ और सफलता को बढ़ाता है।

6. स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव :

अगर आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी की जड़ की

थोड़ी-सी मिट्टी लेकर उसे पानी में डालकर उससे स्नान करें। इसके बाद साफ पानी से स्नान करके शुद्ध

और स्वच्छ कपड़े पहनें। यह उपाय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बीमारियों से दूर रखने में सहायक है।

7. मनोकामना पूरी करने के लिए विशेष मंत्र :

अगर आप अपनी सारी मनोकामनाओं को पूरी करना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु

की पूजा करते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से

सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

उत्पन्ना एकादशी पर विशेष अभिषेक और उपाय

8. अभिषेक से धन की वृद्धि :

उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें और इस अभिषेक में तुलसी का पत्ता

डालकर दूध और केसर से बनी खीर का भोग अर्पित करें। यह उपाय आपके धन के रास्‍ते में आ रही

रुकावटों को दूर करता है और आय में वृद्धि करता है। साथ ही, आपकी कार्यकुशलता बढ़ती है और ऑफिस

में आपको सराहना भी मिलती है।

9. तुलसी का उपाय: दरिद्रता का नाश:

उत्पन्ना एकादशी पर सुबह और शाम के समय तुलसी के पौधे पर घी का दीपक जलाएं और लक्ष्मी चालीसा

का पाठ करें। साथ ही, भगवान विष्णु को तुलसी के 11 पत्‍तों का भोग अर्पित करें। इस दिन ऊं नमो

भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। यह उपाय दरिद्रता को दूर करने और भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी है।

10. 9 मुखी दीपक जलाने का उपाय :

उत्पन्ना एकादशी के दिन 9 मुखी घी का दीपक भगवान विष्णु के सम्‍मुख जलाएं। यह उपाय आपके करियर

में आ रही समस्याओं को दूर करता है और आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीपक में रुई

की बाती के बजाय कलावे की बाती का उपयोग करने से यह उपाय और भी ज्यादा असरदार होता है।

उत्पन्ना एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख का उपाय

11. गृह क्लेश से मुक्ति के उपाय

घर में सुख-समृद्धि और धन वैभव बढ़ाने के लिए दक्षिणावर्ती शंख का विशेष उपाय किया जाता है। उत्पन्ना

एकादशी पर इस शंख को पीतल के पात्र में रखकर दूध से अभिषेक करें और फिर इसे स्वच्छ जल से धोकर

घर के मंदिर में उत्तर दिशा में रखें। यह उपाय घर में मां लक्ष्मी का वास करता है और आपके घर की

समृद्धि बढ़ाता है।

घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के उपाय

12. घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश

उत्पन्ना एकादशी के दिन रात को सोते समय घर के सभी कमरों में 100 ग्राम सेंधा नमक एक अखबार पर

रखें। सुबह उस अखबार सहित नमक को उठाकर घर से बाहर किसी गंदे नाले में फेंक दें और बिना पीछे

देखे घर लौट आएं। इससे घर में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा हमेशा के लिए दूर हो जाती है और घर में

सुख-शांति का वातावरण बनता है।

उत्पन्ना एकादशी के दिन किन बातों का ध्यान रखें?


क्या न करें:

  • तुलसी को न तोड़ें।

  • दोपहर में सोने से बचें।

  • चावल का सेवन न करें।

  • काले रंग या लोहे से संबंधित चीजों का दान न करें।

  • किसी भी प्रकार की क्रोध या कलह से बचें।

  • मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें।


उत्पन्ना एकादशी का दिन न केवल भगवान विष्णु की पूजा और उपासना के लिए अवसर है, जब व्यक्ति

अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए पूजा कर सकता है, बल्कि यह दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपायों को

अपनाने का भी है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। इन उपायों को शुद्ध

मन और श्रद्धा से करने पर विशेष रूप से लाभ मिलता है। इस दिन किए गए उपायों से घर में सुख-शांति,

धन-धान्य, तरक्की और स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है।

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