अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व:- पुष्कर की लाल-किताब की ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार :
- Bhavika Rajguru
- 20 hours ago
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अक्षय तृतीया 2025 में सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा वृष राशि अपनी-अपनी उच्च राशि में स्थित होंगे। यह समय विशेष रूप से शुभ है, क्योंकि सूर्य और चंद्रमा अपनी पूरी आभा से प्रकाशित होते हैं, जिससे पृथ्वी पर अधिकतम प्रकाश या उर्जा पहुँचता है। इस समय आकाशीय गरिमा अपने चरम पर होती है, जो इसे विशेष रूप से शुभ और भाग्यवर्धक बनाती है। इस दिन कोई भी कार्य शुभ रूप से आरंभ किया जा सकता है, क्योंकि इसका प्रभाव लंबे समय तक सकारात्मक रहता है। इसे ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जाता है और इस दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती।

अक्षय तृतीया पर करें ये खास उपाय: अक्षय तृतीया का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह दिन विशेष रूप से आर्थिक समृद्धि, धन व वैभव की प्राप्ति के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए कुछ खास उपाय जीवन में सुख, समृद्धि और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करते हैं। पुष्कर की लाल-किताब की ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार, यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं, जिन्हें अक्षय तृतीया पर किया जा सकता है:
1. आर्थिक तंगी समाप्त करने के उपाय:
जल से भरे कलश का दान करें: अक्षय तृतीया पर एक कलश में गंगाजल और जल मिलाकर उसे लाल रंग के कपड़े से बांधकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में समृद्धि आती है।
2. धन-वैभव से भरा रहेगा घर:
मुख्य द्वार पर बंदनवार लगाएं: अक्षय तृतीया पर घर के मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों की
बंदनवार लगाएं। इस दौरान मां लक्ष्मी के वैदिक मंत्रों का जाप करें। इस उपाय से घर में धन और वैभव का
वास होता है और पैसों की कमी नहीं होती।
3. धन की देवी को खुश करें:
पौधे लगाना: अक्षय तृतीया के दिन पीपल, आम, पाकड़, गूलर, बरगद, आंवला, बेल आदि के वृक्ष लगाएं। यह उपाय पुण्य फलों की प्राप्ति और धन की देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता को बढ़ाता है।
4. धन प्राप्ति के लिए पूजा करें:
पूजा स्थल की सफाई और पूजा: अक्षय तृतीया के दिन अपने पूजा स्थल की सफाई करें और भगवान विष्णु
एवं मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। मां लक्ष्मी को कमल या गुलाब के फूल अर्पित करें और खीर का
भोग लगाएं। इससे जीवन में धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
5. धन वृद्धि और सुख समृद्धि प्राप्ति का उपाय:
लक्ष्मी यंत्र का पूजन करें: इस दिन रात्रि 12:00 से 01:30 बजे के बीच उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले
वस्त्र धारण करें और पूर्व में सिद्ध किए गए लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें। यंत्र पर धूप, दीपक और फूल
अर्पित करें।
इसके बाद लक्ष्मी मंत्र का जाप करें:
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्म्यै नमः
इस उपाय से धन संबंधित समस्याओं का निवारण होता है।
6. ग्रह दोष दूर करने का उपाय:
सूर्य को अर्घ्य दें: अक्षय तृतीया के दिन सुबह स्नान करके शुद्ध होकर भगवान सूर्य को तांबे के लोटे में जल,
लाल फूल और रोली डालकर अर्घ्य दें। इस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
इस उपाय से ग्रह दोष दूर होते हैं और जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
7. सुख के मार्ग की बाधाओं को हटाने का उपाय:
लक्ष्मी जी और महालक्ष्मी यंत्र की पूजा करें: घर के पूजा घर में लक्ष्मी जी और महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें।
7 घी के दीपक जलाएं और उन्हें 7 गोमती चक्र अर्पित करें। स्फटिक माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करें:
ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।
इससे सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।
8. विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने का उपाय:
पीपल के पेड़ के नीचे उपाय करें: अक्षय तृतीया के दिन पीपल के पेड़ के नीचे खड़े होकर एक जट्टा वाला
नारियल हाथ में लेकर, अपने गोत्र का उच्चारण करें। फिर 7 परिक्रमा करके पीपल देव से विवाह तय होने की
कामना करें। परिक्रमा के बाद नारियल को पीपल के पेड़ को अर्पित कर दें।
इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और विवाह तय होने के रास्ते खुलते हैं।
इन सरल लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाकर आप अक्षय तृतीया पर अपने जीवन में धन, सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर क्या न करें?
अक्षय तृतीया का पर्व अत्यंत शुभ है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
तुलसी जी को बिना स्नान के छूना या तोड़ना मना है।
पूजा घर में बिना शुद्ध हुए प्रवेश न करें।
इस दिन खाली हाथ घर लौटने से बचें, कुछ न कुछ लेकर ही जाएं।
व्रत समापन या उद्यापन करने का दिन अक्षय तृतीया नहीं होता।
इस दिन किसी से विवाद या क्रोध करने से बचें।
घर की स्त्रियों के साथ विशेष रूप से सम्मानजनक व्यवहार करें।
इस वर्ष अक्षय तृतीया पर विवाह क्यों नहीं होंगे?
अक्षय तृतीया एक अत्यंत शुभ और महत्व पूर्ण दिन माना जाता है, खासकर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के
लिए। हालांकि, इस साल (2025) के अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं होगा। इसका कारण यह है कि इस दिन शुक्र और गुरु ग्रह दोनों ही अस्त हो रहे हैं। शुक्र ग्रह को विवाह, सुख, प्रेम और सौंदर्य का कारक ग्रह माना जाता है। इसी प्रकार, गुरु ग्रह को धर्म, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, और विवाह के लिए इन दोनों ग्रहों का शुभ होना जरूरी माना जाता है। इसलिए, इस दिन शुक्र और गुरु दोनों के अस्त होने के कारण, इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं बनेगा।
अक्षय तृतीया के दान:
पुष्कर की लाल-किताब की ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार इस दिन दान की वस्तुएं, जैसे पंखे, सकोरे, घड़े, कुल्हड़, खडाऊं, चावल, नमक, घी, साग, इमली, सत्तू, ककड़ी और खरबूजा आदि गर्मी में लाभकारी वस्तुएं दान की जाती हैं।
मान्यता है कि इस दिन दान की गई वस्तुएं स्वर्ग और अगले जन्म में प्राप्त होती हैं।
अक्षय तृतीया न केवल धार्मिक कार्यों का महत्व रखता है, बल्कि यह समय आध्यात्मिक उन्नति और संपत्ति में वृद्धि के लिए भी विशेष रूप से उत्तम माना जाता है।
निष्कर्ष :
अक्षय तृतीया का पर्व विशेष रूप से समृद्धि, धन, और आशीर्वाद प्राप्ति का अवसर है। इस दिन किए गए हर कार्य का फल अक्षय रहता है और यह दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत उत्तम होता है। यदि आप भी चाहते हैं कि आपकी तिजोरी हमेशा भरी रहे, तो इस दिन के कुछ सरल उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में धन और समृद्धि का आगमन कर सकते हैं।
ज्योतिषी: भाविका राजगुरु (पुष्कर की लाल किताब)
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