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ALL ABOUT MOON : चंद्र ग्रह

लाल किताब के अनुसार, चंद्र ग्रह का संबंध भगवान शिव से है। इसके साथ ही, लाल किताब में चंद्र ग्रह को माता के प्यार का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह भी बताया गया है। चंद्र ग्रह का 12 भावों में फल सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूपों में पड़ सकता है। हालांकि, चंद्र ग्रह की शांति के लिए लाल किताब के उपाय अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। चंद्र ग्रह के लिए लाल किताब के उपाय में चंद्र ग्रह शांति के उपाय हैं।


**लाल किताब में चंद्र ग्रह का महत्व**


लाल किताब के अनुसार, चंद्रमा कुंडली में चौथे भाव का स्वामी होता है, जो माँ का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है ; और यह कर्क राशि का स्वामी होता है। सभी ग्रहों में चंद्रमा का गोचर सबसे कम अवधि का होता है, यह एक राशि में लगभग सवा दो या ढाई दिन रहता है। सूर्य, मंगल, और गुरु से चंद्रमा की मित्रता होती है और अपने मित्र ग्रहों के साथ चंद्रमा का फल अच्छा होता है।


लाल किताब के अनुसार, चंद्रमा एक प्रकाश देने वाला ग्रह है। यदि व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह बली हो तो उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है। लाल किताब में चंद्रमा को गर्मी को शीतलता में परिवर्तित करने वाला ग्रह बताया गया है। ज्योतिष में किसी व्यक्ति विशेष के राशिफल को जानने के लिए चंद्र राशि का विचार किया जाता है।



**लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रह के कारकत्व**


लाल किताब में भी चंद्र ग्रह को माता का कारक माना गया है। यह माता के खानदान पक्ष को दर्शाता है। इसके साथ ही, प्यार, दयालुता, उदारता, मन की शांति और मनुष्य की नीयत आदि भी चंद्रमा से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा, चंद्रमा से खेती के लिए भूमि, घोड़ा, मल्लाह, चावल, दूध, दादी, बूढ़ी स्त्री, सफेद या दूधिया पत्थर का भी संबंध होता है। पानी अथवा दूध से बने सभी पदार्थ भी चंद्रमा से संबंधित होते हैं। समुद्र में होने वाली हलचल और ज्वार-भाटा आदि का कारक भी चंद्रमा होता है।


**लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रह का संबंध**


लाल किताब के अनुसार, चंद्र ग्रह का संबंध जल या तरल पदार्थ से संबंधित कार्य व व्यवसाय से होता है। इसमें पेयजल, पेट्रोलियम पदार्थ, दूध से जुड़े सभी उत्पाद, पेय पदार्थ आदि सभी का जुड़ाव चंद्रमा से है। यदि कुंडली में चंद्रमा दुर्बल या पीड़ित होता है तो जातक को मानसिक कष्ट होते हैं। अर्थात सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन, पागलपन जैसी बीमारियों का भी संबंध चंद्रमा से होता है। ज्योतिष में सफेद रंग को चंद्रमा से जोड़ा जाता है। इसलिए चंद्रमा के शुभ फल को पाने के लिए मोती रत्न को धारण किया जाता है। वहीं, दो मुखी रुद्राक्ष भी चंद्र ग्रह के लिए धारण की जाती है। साथ ही, खिरनी की जड़ को धारण करने से चंद्रमा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


**लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रह के प्रभाव**


लाल किताब के अनुसार, जब चंद्रमा कुंडली में बलवान हो तो जातक को इसके सकारात्मक लाभ प्राप्त होते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि चंद्रमा अपने मित्र ग्रहों के साथ बली होता है। वहीं इसके विपरीत, यदि जन्म-पत्रिका में चंद्र ग्रह की स्थिति कमज़ोर होती है तो यह जातकों के लिए अशुभ परिणामकारी होता है। आइए जानते हैं चंद्रमा के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव:


**चंद्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव**

चंद्र ग्रह जब कुंडली में बलवान होता है, तो इसके सकारात्मक प्रभाव जातक के जीवन में दिखाई देते हैं। बली चंद्रमा के प्रभाव से जातक को मानसिक सुख प्राप्त होते हैं। जिस व्यक्ति का चंद्रमा उच्च का होता है, उसके माँ के साथ संबंध मधुर रहते हैं और माँ का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। बली चंद्रमा के कारण जातक अपने कार्य से मानसिक रूप से संतुष्ट रहता है। इसके अलावा, चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव से जातकों की कल्पना शक्ति भी मजबूत होती है।

**चंद्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव**

चंद्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है और तनावग्रस्त हो जाता है। उसे सिरदर्द, डिप्रेशन, पागलपन, और बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चंद्रमा के कमजोर होने से जातकों को माँ का सुख नहीं मिल पाता है और परिवार में भी अशांति बनी रहती है। पीड़ित चंद्रमा के कारण जल संकट की भी संभावना होती है, जिससे जीवन में और भी कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं।


ज्योतिष में लाल किताब के उपाय बहुत महत्वपूर्ण माने गए हैं। अतः लाल किताब में चंद्र ग्रह की शांति के उपाय जातकों के लिए अत्यंत लाभकारी और सरल होते हैं। इन्हें कोई भी व्यक्ति आसानी से स्वयं कर सकता है। चंद्र ग्रह से संबंधित लाल किताब के उपाय करने से जातकों को चंद्र ग्रह के सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं।

चंद्र ग्रह से संबंधित लाल किताब के उपाय निम्नलिखित हैं:


1. पुत्र सुख के लिए भूमि में सौंफ दबाएँ।

2. घर में चाँदी की थाली रखें।

3. दरिया में पैसे डालें।

4. ज़रूरतमंद लोगों को जल व दूध पिलाएँ।


लाल किताब के उपाय ज्योतिष विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित हैं, उम्मीद है कि चंद्र ग्रह से संबंधित लाल किताब में दी गई यह जानकारी आपके कार्य को सिद्ध करने में सफल होगी।



According to Lal Kitab, the Moon is associated with Lord Shiva and symbolizes a mother's love. Its placement in the twelve houses can have both positive and negative effects. Remedies for appeasing the Moon are crucial in Lal Kitab,

In Lal Kitab, the Moon governs the fourth house, symbolizing the mother. It's also considered the significator of the mind and rules the Cancer zodiac sign. Its transit through the zodiac is the shortest among all planets. The Moon is friendly with the Sun, Mars, and Jupiter. Lal Kitab describes the Moon as a planet that provides illumination. A strong Moon in the horoscope indicates mental peace for the individual.

Characteristics of the Moon as per Lal Kitab

Similar to Vedic astrology, Lal Kitab regards the Moon as the significator of the mother. It signifies familial heritage, love, compassion, generosity, mental peace, and one's intentions. In addition, the Moon in Lal Kitab is associated with agriculture, land, horses, rice, milk, grandmothers, and white or milky stones. The movement of water and agricultural activities are also linked with the Moon.

Remedies for Pacifying the Moon according to Lal Kitab

Lal Kitab emphasizes remedies for planetary appeasement. Here are some simple and effective remedies specifically for the Moon:

  1. Plant fennel seeds in your land for the happiness of your children.

  2. Keeping a silver plate in the house is considered auspicious.

  3. Donate money in rivers or seas.

  4. Offer water or milk to the needy.

By following these Lal Kitab remedies, individuals can mitigate the negative effects of the Moon in their horoscope and enhance its positive influences.  


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