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🔮 29 मार्च 2025: शनि अमावस्या, पिशाच दोष और सूर्य ग्रहण का महायोग!
**29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या, सूर्य ग्रहण और शनि-राहु पिशाच दोष का महासंयोग वैश्विक उथल-पुथल और राशियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।**
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100 साल बाद 29 मार्च 2025 को मीन राशि में बन रहा अद्भुत सप्तग्रही योग: कुछ राशियों के लिए होगा गोल्डनटाइम :
100 साल बाद 29 मार्च 2025 को मीन राशि में बन रहा अद्भुत सप्तग्रही योग कुछ राशियों के लिए होगा गोल्डन टाइम, जानें प्रभाव और उपाय।
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होली 2025: धन वृद्धि के अचूक उपाय और विशेष पूजा विधियाँ :
होली पर किए गए ये विशेष ज्योतिषीय उपाय धन, समृद्धि, सुख-शांति और बाधाओं के निवारण के लिए शुभ माने जाते हैं।
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कुंभ संक्रांति 2025: सूर्य के समान चमकेगा इन राशियों का भाग्य, शनि भी होंगे मेहरबान :
कुंभ संक्रांति 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, जब सूर्य मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, जिससे सभी राशियों पर विशेष ज्योतिषीय प्रभाव पड़ेगा।
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लाल-किताब ज्योतिष:-कुंडली से जानिए संतान प्राप्ति की संभावना और उपाय :
संतान प्राप्ति में ग्रहों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, और ज्योतिषीय उपाय अपनाकर संतान सुख की बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
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महाशिवरात्रि 2025: तिथि, पूजा विधि और महत्व :
महाशिवरात्रि 2025 भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पर्व है, जिसमें व्रत, पूजा और मंत्र जाप से शुभ फल व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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गुरु मार्गी 2025 : वृषभ राशि में होंगे गुरु मार्गी, जानिए किस्मत में क्या बदलाव आएगा :
गुरु ग्रह 4 फरवरी 2025 को वृषभ राशि में मार्गी होंगे, जिससे कई राशियों को भाग्योदय, आर्थिक समृद्धि और करियर में सफलता मिलेगी
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मोक्षदा एकादशी का व्रत कैसे करें: जानें पूजा से जुड़े सभी नियम :
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता उपदेश का दिन, मोक्ष, पितरों की मुक्ति और जीवन के संकटों से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण व्रत।
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उत्पन्ना एकादशी 2024 : महत्व, पूजा विधि और उपास्य कर्म :
उत्पन्ना एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित पुण्यकारी व्रत है, जो इस वर्ष 26 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
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वृश्चिक संक्रांति 2024: जानें कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय अनुष्ठान :
वृश्चिक संक्रांति सूर्य की पूजा, पितृ तर्पण और दान-पुण्य से जुड़ा एक पावन पर्व है, जो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाता है।
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कार्तिक शुक्लपक्ष के अंतिम पांच दिनों (पंच-तीर्थ स्नान) का महत्व :
कार्तिक शुक्ल पक्ष के अंतिम पाँच दिन पुष्कर तीर्थ में स्नान का विशेष महत्व है, जिससे पुण्य की प्राप्ति और सभी पापों का नाश होता है।
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कार्तिक मास: ब्रह्म पुष्कर की धार्मिक महिमा और महत्व :
कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा, दीपदान और व्रत से विशेष पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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नवरात्रि के सातवें दिन: माँ कालरात्रि की पूजा का ज्योतिषीय महत्व :
नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा से शनि दोष से मुक्ति और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
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विजयादशमी या दशहरा पूजा विधि: 2024 का शुभ मुहूर्त और उपाय
विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो सुख, समृद्धि और सकारात्मकता को जीवन में लाने का अवसर प्रदान करता है।
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Navratri Day 4: Worship of Maa Kushmanda and Its Astrological Significance :
fourth day of Navratri, the worship of Maa Kushmanda brings happiness, peace, and prosperity.
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Rahu and Politics in Lal Kitab Astrology: The Dance of Change and Stability :-
Rahu symbolizes constant change in political leaders, while Ketu represents the loyalty and stability of their supporters.
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लाल-किताब ज्योतिष में राहु और राजनीति: बदलाव और स्थिरता का खेल
राजनीति में राहु के परिवर्तनशील स्वभाव और केतु की स्थिरता समर्थकों की निष्ठा को दर्शाते हैं, जहां नेताओं की नीतियां समय के साथ बदलती रहती है
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वास्तु द्वारा व्यापार की सफलता के लिए आसान और व्यावहारिक उपाय :
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करके कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाकर व्यापार की सफलता सुनिश्चित की जा सकती है।
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गणेश चतुर्थी पर राशि अनुसार पूजा के लाभ: सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग :
गणेश चतुर्थी पर राशि अनुसार पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा मिलती है,
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बछ बारस व्रत और गाय की पूजा का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व :
बछ बारस व्रत में गाय और बछड़ों की पूजा कर महिलाओं द्वारा पुत्र की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना की जाती है।
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